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Sun, Dec 21, 2025

फिल्म ‘अजय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ अ योगी’ पर सेंसर बोर्ड की देरी, मेकर्स पहुंचे बॉम्बे हाईकोर्ट

Written by:Saurabh Singh
Published:
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले ने इस मामले में नोटिस जारी किया। CBFC के अधिकारी ने इस मामले में वकील नियुक्त करने के लिए समय मांगा है।
फिल्म ‘अजय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ अ योगी’ पर सेंसर बोर्ड की देरी, मेकर्स पहुंचे बॉम्बे हाईकोर्ट

फिल्म ‘अजय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ अ योगी’ को सर्टिफिकेट देने में हो रही देरी को लेकर इसके मेकर्स बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। फिल्म के निर्माता सम्राट सिनेमैटिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) पर मनमानी और  देरी का आरोप लगाया है। मेकर्स ने अदालत से गुहार लगाई है कि सेंसर बोर्ड को समय पर सर्टिफिकेशन प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया जाए। जिससे फिल्म की तय रिलीज पर कोई असर न पड़े।

CBFC को नोटिस जारी

मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच, जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस नीला गोखले ने CBFC को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। बोर्ड ने कोर्ट से अपना पक्ष रखने के लिए वकील नियुक्त करने के लिए समय मांगा। इस पर कोर्ट ने CBFC को फटकार लगाते हुए दो दिनों के भीतर वकील के जरिए उपस्थित होने का निर्देश दिया।

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 और सिनेमैटोग्राफ (प्रमाणन) नियम, 2024 के तहत CBFC पर तय समयसीमा में सर्टिफिकेट जारी करने की जिम्मेदारी है। जिससे वह पीछे नहीं हट सकता। मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई 2025 को तय की गई है।

मेकर्स ने लगाए गंभीर आरोप

याचिका में कहा गया है कि फिल्म, ट्रेलर, टीज़र और प्रमोशनल गानों के लिए सभी जरूरी दस्तावेज समय पर CBFC को सौंपे गए थे, बावजूद इसके बोर्ड ने प्रक्रिया में अनावश्यक देरी की। मेकर्स का यह भी आरोप है कि CBFC ने उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लाने की निराधार और अनावश्यक मांग की है, जो कि नियमों के अनुरूप नहीं है। मेकर्स का कहना है कि यदि प्रमाणन प्रक्रिया समय पर पूरी नहीं होती। तो 1 अगस्त 2025 को तय फिल्म की रिलीज डेट पर खतरा मंडरा सकता है।

किस पर आधारित है फिल्म?

यह फिल्म लेखक शांतनु गुप्ता की चर्चित किताब ‘द मॉन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर’ पर आधारित है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन और संघर्षों को दर्शाती है। फिल्म में उनके बचपन, गोरखनाथ मठ से जुड़ाव, सामाजिक जीवन और मुख्यमंत्री बनने तक के सफर को दिखाया जाएगा। इसमें राजनीति, धर्म और सामाजिक समीकरणों का दिलचस्प मिश्रण भी देखने को मिलेगा।