संसद का मानसून सत्र चल रहा है। नेता लोग दिल्ली में जुटे हैं। इसी सिलसिले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी राजधानी में मौजूद हैं। मंगलवार को अखिलेश यादव पार्टी के कुछ सांसदों के साथ संसद भवन के पास स्थित एक मस्जिद में पहुंचे। अब इस विज़िट की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। लेकिन मसला तस्वीर का नहीं, उस पर उठे सवालों का है।
बीजेपी ने अखिलेश यादव पर आरोप लगाया कि वो मस्जिद में राजनीतिक बैठक करने गए थे। इतना ही नहीं, पार्टी ने अखिलेश की पत्नी और सपा सांसद डिंपल यादव के कपड़ों को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए।
कांग्रेस का पलटवार
इस पूरे मामले पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मस्जिद के इमाम खुद सपा सांसद नदवी हैं। अगर अखिलेश वहां बैठ गए तो इसमें गलत क्या है? मसूद बोले,
“बीजेपी वालों को शर्म आनी चाहिए। डिंपल यादव ने भारतीय संस्कृति के मुताबिक कपड़े पहने थे। मानसिक तौर पर दिवालिया हो चुकी बीजेपी महिलाओं का अपमान कर रही है।”
“कोई मीटिंग नहीं थी”
सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क ने साफ किया कि मस्जिद में कोई राजनीतिक बैठक नहीं हुई। उन्होंने कहा कि,
“हमारे पार्टी ऑफिस हैं, मीटिंग करनी होती तो वहीं करते। नदवी साहब ने बुलाया था। हम मिलने गए। बीजेपी बेवजह का दुष्प्रचार कर रही है। डिंपल यादव सिर ढककर गई थीं। हो सकता है फोटो के वक्त दुपट्टा खिसक गया हो।”
“मस्जिद मौज मस्ती की जगह नहीं”
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने इस मामले पर सख्त ऐतराज जताया। उन्होंने कहा,
“मस्जिद अल्लाह का घर है। मौज मस्ती की जगह नहीं। अखिलेश यादव और उनके सांसद वहां चाय-नाश्ता कर रहे थे। ये सरासर गलत है। वहां राजनीतिक गतिविधियां हुईं। हम सपा सांसद नदवी की भी निंदा करते हैं। उन्होंने मस्जिद को सपा का दफ्तर बना दिया है।”
जमाल सिद्दीकी ने आगे कहा कि अगर यही सब सही है,
“तो हम भी 25 जुलाई को उसी मस्जिद में बैठक करेंगे. देखना है फिर क्या होता है।”
फिलहाल मामला गरमा चुका है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज है। विपक्ष इसे धार्मिक स्थल पर राजनीति बताकर बीजेपी को घेर रहा है। वहीं बीजेपी ने सपा नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मस्जिद में ‘हंसी-मजाक’ तक का जिक्र किया है। देखना ये होगा कि आने वाले दिनों में ये विवाद और कितना लंबा खिंचता है।





