समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे के संदर्भ में कहा कि भारत की चीन से आने वाले सामानों पर निर्भरता लगातार बढ़ रही है, जो देश के उद्योगों, कारखानों और दुकानों के कारोबार को नुकसान पहुंचा रही है। अखिलेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपनी पोस्ट में इसे भाजपा की ‘आत्मनिर्भरता’ और ‘स्वदेशी’ की नीतियों का खोखला दावा करार दिया।
अखिलेश ने ‘चीनी चाल’ की क्रोनोलॉजी समझाते हुए कहा कि चीन पहले भारत के बाजारों को अपने सामानों से भर देगा, जिससे निर्भरता इतनी बढ़ जाएगी कि उनकी गलत हरकतों को नजरअंदाज करना मजबूरी बन जाएगा। इसके बाद, वे भारतीय उद्योगों को धीरे-धीरे बंद करने की स्थिति में लाएंगे और मनमाने दामों पर सामान बेचेंगे, जिससे महंगाई और बेरोजगारी बढ़ेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे जनता का आक्रोश बढ़ेगा और बिना पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार कमजोर होकर लड़खड़ा जाएगी।
भारत की जमीन पर चीन का कब्जा और बढ़ेगा
सपा प्रमुख ने आगे कहा कि ऐसी स्थिति में भाजपा सरकार चीन के अतिक्रमण को चुनौती नहीं दे पाएगी, जिससे भारत की जमीन पर चीन का कब्जा और बढ़ेगा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा फिर ‘न कोई… न कोई…’ का राग अलापेगी। अखिलेश ने भाजपा से सवाल किया कि क्या देश का क्षेत्रफल पहले जितना है या चीनी कब्जे के कारण कम हो गया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के नेताओं से भी जवाब मांगा कि चीन ने कितनी भारतीय जमीन हड़प ली है।
जो जमीन चली जाती है, वह वापस नहीं आती
अखिलेश ने अपने बयान में ‘पलायन स्पेशलिस्ट’ और ‘बुलडोजर’ जैसे कटाक्षों के जरिए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जनता यह समझती है कि जमीन का पलायन नहीं होता, जो जमीन चली जाती है, वह वापस नहीं आती। इस बयान ने सियासी हलचल को तेज कर दिया है, और यह आत्मनिर्भरता के दावों के बीच भारत-चीन संबंधों पर एक नई बहस को जन्म दे सकता है।





