उत्तर प्रदेश की खस्ताहाल सड़कों और बाढ़ से जूझते हालात पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर सड़कों की बदहाली और भ्रष्टाचार को लेकर सरकार की घेराबंदी की।
करप्शन क्रोनोलॉजी
अखिलेश ने प्रयागराज की एक जर्जर सड़क की तस्वीर साझा करते हुए लिखा,
“भाजपा का कुकर्म, धर्म में भी अधर्म! महाकुंभ में प्रयागराज में हज़ारों करोड़ की लागत से बनी सड़कों का हाल देखिए, भाजपाई भ्रष्टाचार का कमाल देखिए।”
भाजपा का कुकर्म, धर्म में भी अधर्म!
महाकुंभ में प्रयागराज में हजारों करोड़ों की लागत से बनी सड़कों का हाल देखिए, भाजपाई भ्रष्टाचार का कमाल देखिए।
दरअसल इस भाजपाई महाभ्रष्टाचार की बंदरबाँट को समझने के लिए विशेष ‘भाजपाई करप्शन क्रोनोलॉजी’ (BCC) समझनी होगी:
– पहले महाकमीशन लेकर… pic.twitter.com/cVvvtP48tp— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 4, 2025
उन्होंने तंज कसते हुए लिखा कि इस महाभ्रष्टाचार को समझने के लिए “भाजपाई करप्शन क्रोनोलॉजी” जाननी होगी।
अखिलेश के अनुसार, पहले छोटे स्तर पर प्रधान कमीशन लेकर ठेका देता है, फिर उसमें बड़ा कमीशन जुड़ता है। उसके बाद उप-ठेके में और भी पैसा खपाया जाता है, अंत में सांसद और विधायक तक कमीशन की बंदरबांट होती है। उन्होंने कहा,
“भाजपा राज में सड़कें धंस रही हैं, पुल गिर रहे हैं, छतें टपक रही हैं और पानी की टंकियां धराशायी हो रही हैं। भाजपा सरकार नहीं, भ्रष्टाचार का सहकार है।”
सरकार इवेंट मैनेजमेंट में व्यस्त
प्रदेश के 17 जिलों में आई बाढ़ को लेकर भी अखिलेश यादव ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जनकल्याण छोड़कर “सिर्फ इवेंट मैनेजमेंट” में लगी है। अखिलेश ने पूछा कि जब सरकार वीवीआईपी सभाएं और रैलियां कर सकती है, तो बाढ़ राहत और बचाव में सक्रिय क्यों नहीं हो रही?
उन्होंने दावा किया कि बाढ़ से प्रभावित इलाकों में हालात बेहद खराब हैं। लोगों को भोजन, पीने का पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही हैं। गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को इलाज नहीं मिल पा रहा है।
करंट और बिजली की समस्या बनी
सपा प्रमुख ने आगे कहा,
“लोगों को चूहों और विषैले जीव-जंतुओं का डर सता रहा है। करंट और बिजली की समस्या बनी हुई है। लोग ऊपरी मंज़िलों पर डरे-सहमे जी रहे हैं, जिनके पास पहनने को कपड़े भी नहीं हैं।”
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की 37 तहसीलों के 402 गांव बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे 84,000 से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।





