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Thu, Dec 18, 2025

बलिया के विवादित ‘जाति-धर्म’ आदेश पर सियासत गरमाई, अखिलेश यादव जाएंगे कोर्ट, चंद्रशेखर ने FIR की मांग की

Written by:Saurabh Singh
Published:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को पंचायत राज विभाग के संयुक्त निदेशक एसएन सिंह को निलंबित कर दिया था। उन्होंने जाति और धर्म के आधार पर अवैध कब्जा हटाने का आदेश जारी किया था।
बलिया के विवादित ‘जाति-धर्म’ आदेश पर सियासत गरमाई, अखिलेश यादव जाएंगे कोर्ट, चंद्रशेखर ने FIR की मांग की

उत्तर प्रदेश के बलिया में यादव और मुस्लिम समुदाय को लेकर पंचायती राज विभाग के एक विवादित आदेश को लेकर सियासी भूचाल आ गया है। आदेश रद्द कर दिए जाने और संबंधित अधिकारी के निलंबन के बावजूद मामला शांत नहीं हुआ। अब समाजवादी पार्टी और भीम आर्मी इस मुद्दे को लेकर योगी सरकार पर हमलावर हो गई हैं।

मुख्यमंत्री के ऐक्शन के बाद भी नहीं थमा विवाद

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को पंचायत राज विभाग के संयुक्त निदेशक एसएन सिंह को निलंबित कर दिया था। उन्होंने जाति और धर्म के आधार पर अवैध कब्जा हटाने का आदेश जारी किया था, जिसे सीएम ने ‘गंभीर प्रशासनिक चूक’ मानते हुए तत्काल रद्द कराया। साथ ही अफसरों को सख्त चेतावनी दी कि अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई में जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए।

अखिलेश यादव बोले- जाएंगे कोर्ट

सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,

“जो भी ग़ैर-क़ानूनी हो उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई हो, फिर क्यों किसी जाति या धर्म विशेष के लोगों को टारगेट किया जा रहा है न्यायपालिका तुरंत संज्ञान ले, ये संविधान विरोधी काम है। हम इसके ख़िलाफ़ कोर्ट जाएंगे।”

उन्होंने आगे लिखा कि पीडीए को जितना प्रताड़ित किया जाएगा, पीडीए एकता उतनी ही ज़्यादा बढ़ेगी। जो_पीड़ित_वो_पीडीए।”

बर्खास्तगी की मांग

भीम आर्मी प्रमुख और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा। उन्होंने लिखा,

“‘यादव’ और ‘मुस्लिम’ समुदाय को नाम लेकर टारगेट करना घोर जातिवादी और सांप्रदायिकता से भरा आदेश है। यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन है। सिर्फ निलंबन काफी नहीं, FIR दर्ज कर बर्खास्त किया जाए।”

उन्होंने इसे कर्मचारी सेवा आचरण नियमावली का उल्लंघन भी बताया और सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए।

क्या था विवादित आदेश?

बलिया के पंचायती राज विभाग के संयुक्त निदेशक एसएन सिंह ने आदेश जारी किया था कि ग्राम सभा की जमीन से अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई यादव और मुस्लिम समुदाय के लोगों के खिलाफ की जाए। आदेश के सार्वजनिक होते ही विरोध शुरू हो गया। विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने इसे संविधान विरोधी और भेदभावपूर्ण करार दिया।

सीएम योगी ने न सिर्फ आदेश रद्द कराया, बल्कि आगे से इस तरह की कोई भी कार्रवाई करने से पहले अधिकारियों को संवेदनशील रहने और जाति-धर्म से ऊपर उठकर काम करने की हिदायत दी है।