उत्तर प्रदेश की सियासत में बृजभूषण शरण सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। मंगलवार को उनके बेटे और भाजपा विधायक प्रतीक भूषण शरण सिंह डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मिलने उनके सरकारी आवास पहुंचे। ठीक एक दिन पहले, सोमवार को खुद बृजभूषण सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी।
पार्टी में संगठनात्मक बदलाव
दो दिनों के भीतर योगी और केशव मौर्य से हुई इन बैठकों को राजनीतिक दृष्टिकोण से अहम माना जा रहा है। हालांकि, दोनों मुलाकातों को लेकर सरकार या भाजपा की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। मगर अटकलों का बाजार गर्म है कि इन बैठकों का संबंध आने वाले उपचुनावों या पार्टी के संगठनात्मक बदलाव से हो सकता है।
कोई राजनीतिक बात नहीं हुई
सीएम योगी से मुलाकात के बाद बृजभूषण शरण सिंह ने खुद सामने आकर सफाई दी। उन्होंने कहा,
“करीब 31 महीने बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात हुई। इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं था। हम दोनों ने अपने गम-शिकवे साझा किए। वैसे भी मुख्यमंत्री से मेरे 56 साल पुराने संबंध हैं।”
बृजभूषण ने बताया कि जनवरी 2023 में जब उन पर आरोप लगे थे। तभी से उन्होंने सीएम योगी से दूरी बना ली थी।
“मैंने तय कर लिया था कि यह लड़ाई मेरी है और इसे मैं अकेले लड़ूंगा। तभी से मुख्यमंत्री से बातचीत नहीं हुई थी। अब जब उन्होंने बुलाया, तो मिलने चला गया।”
बृजभूषण परिवार की बढ़ती सक्रियता
इन दोनों मुलाकातों के पीछे भले ही बृजभूषण राजनीतिक मकसद से इनकार कर रहे हों। लेकिन उनकी और बेटे की सक्रियता को सियासी गलियारों में अलग ही नजर से देखा जा रहा है। विधानसभा उपचुनाव से पहले उनकी मुलाकातें कई संकेत छोड़ती हैं।
भाजपा नेतृत्व से संवाद फिर से बढ़ने के संकेतों ने इस अटकल को भी जन्म दिया है कि बृजभूषण परिवार को पार्टी में कोई नई भूमिका मिल सकती है। फिर संगठन में कोई बदलाव होने की संभावना है। जिसमें उनकी हिस्सेदारी देखी जा सकती है।





