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Thu, Dec 18, 2025

बुंदेलखंड में 8,776 करोड़ रुपये की परियोजनाएं, सीएम योगी बोले- योजनाएं कागजों पर नहीं, जमीन पर दिखनी चाहिए

Written by:Saurabh Singh
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मुख्यमंत्री को दोनों मंडलों से कुल 1,088 कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। झांसी मंडल (झांसी, जालौन, ललितपुर) से 691 कार्यों के प्रस्ताव दिए गए, जिनकी अनुमानित लागत ₹4,901 करोड़ है।
बुंदेलखंड में 8,776 करोड़ रुपये की परियोजनाएं, सीएम योगी बोले- योजनाएं कागजों पर नहीं, जमीन पर दिखनी चाहिए

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को बुंदेलखंड के विकास को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाएं सिर्फ कागज़ों पर नहीं, ज़मीन पर दिखनी चाहिएं। जनप्रतिनिधियों की ज़मीनी समझ और अनुभव शासन के लिए मार्गदर्शक हैं। इसलिए केवल योजनाएं बनाना पर्याप्त नहीं है, उनका समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन ही असली पहचान है।

मुख्यमंत्री ने झांसी और चित्रकूट धाम मंडल के विधायकों के साथ विशेष बैठक की। इस दौरान उन्होंने विधायकों से व्यक्तिगत रूप से उनके क्षेत्रों की स्थिति, जनता की अपेक्षाएं और विकास की प्राथमिकताओं पर फीडबैक लिया। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि शासन की मंशा है कि हर योजना नतीजों तक पहुंचे। इसके लिए तकनीक का बेहतर इस्तेमाल किया जाएगा और जवाबदेही भी तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

कई कार्य प्रस्तावित

मुख्यमंत्री को दोनों मंडलों से कुल 1,088 कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। झांसी मंडल (झांसी, जालौन, ललितपुर) से 691 कार्यों के प्रस्ताव दिए गए, जिनकी अनुमानित लागत ₹4,901 करोड़ है। वहीं चित्रकूट मंडल (बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट, महोबा) से 397 प्रस्ताव आए हैं, जिन पर ₹3,875 करोड़ खर्च का अनुमान है। झांसी और बांदा जिले सबसे आगे हैं। झांसी में ₹1,916 करोड़ और बांदा में ₹1,825 करोड़ की लागत से परियोजनाएं प्रस्तावित हैं।

बुंदेलखंड में होगा व्यापक विकास

मुख्यमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड, जो एक समय उपेक्षा का शिकार था, आज उत्तर प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य की रेखा पर खड़ा है। इस क्षेत्र में धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को देखते हुए समग्र विकास की रणनीति तैयार की जा रही है।

प्रस्तावित परियोजनाओं में ब्लॉक मुख्यालयों तक कनेक्टिविटी, इंटर-कनेक्टिविटी सड़कें, धार्मिक स्थलों तक पहुंच मार्ग, बाईपास, लॉजिस्टिक्स हब, फ्लाईओवर, मेजर-माइनर ब्रिज, सिंचाई अवसंरचना, रोड सेफ्टी उपाय और पोंटून ब्रिज शामिल हैं। इनसे न सिर्फ यातायात सुगम होगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई रफ्तार मिलेगी।

जनप्रतिनिधियों की भागीदारी अहम

सीएम योगी ने नगर विकास विभाग को निर्देश दिया कि किसी भी परियोजना को तैयार करने से पहले संबंधित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से परामर्श ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि विधायक अपने क्षेत्रों में प्रस्तावित कार्यों की सतत निगरानी करें और योजनाओं को स्थानीय जनभावनाओं के अनुरूप आकार दिलवाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जहां-जहां इंटरस्टेट कनेक्टिविटी को बेहतर करने की ज़रूरत हो, वहां विधायकों की सिफारिश के आधार पर प्राथमिकता से कार्य शुरू किए जाएं।