उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत प्रारंभिक शिक्षा को मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत स्वतंत्रता दिवस पर प्रदेश भर में 5,118 बाल वाटिकाओं का शुभारंभ किया गया जो 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रवेश की सुविधा प्रदान कर रही हैं।
नई शिक्षा नीति के अनुसार 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों को स्कूलों में दाखिला नहीं दिलाया जा सकता है। ऐसे में इस आयु के बच्चों को बालवाटिका में पढ़ाया जाएगा। सरकार के अनुसार यह पहल बच्चों को स्कूल के लिए मानसिक, शारीरिक और सामाजिक रूप से तैयार करने के साथ-साथ देश की सशक्त नींव तैयार करने का काम करेगी।
बाल वाटिका: छोटे बच्चों की पढ़ाई होगी खेल खेल में
उत्तर प्रदेश में को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र वाले विद्यालयों में बालवाटिकाएं आरंभ की जा रही हैं। इन बालवाटिकाओं में छोटे बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा दी जाएगी। यहां पर छह वर्ष की आयु के बाद नर्सरी, LKG, UKG में भी बच्चों को प्रवेश की सुविधा मिलेगी। साथ ही, यहां शैक्षिक सामग्री, बाल मैत्रिक फर्नीचर, आउटडोर प्ले मटेरियल, गतिविधि आधारित किट, वंडरबॉक्स, स्टेशनरी एवं लर्निंग कॉर्नर, सामुदायिक सहभागिता आदि सुविधाएं भी प्राप्त होंगी।
सरकार ने की तैयारी
योगी सरकार का लक्ष्य है कि 2026 तक उत्तर प्रदेश के सभी प्राथमिक और कम्पोजिट स्कूलों में बाल वाटिकाएं स्थापित की जाएं। सरकार ने तय किया है कि प्रदेश के जिन प्राथमिक स्कूलों में आंगनबाड़ी केंद्र मौजूद हैं, वहां बालवाटिकाएं भी शुरू की जाएंगी। इन बाल वाटिकाओं में बच्चों को किताबी बोझ से मुक्त रखते हुए कहानियों, गीत-संगीत, खेलकूद, और रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है। पिछले दिनों शिक्षा विभाग ने कहा था कि मर्जर के बाद खाली होने वाले स्कूलों को बाल वाटिका में बदला जाएगा। यहां प्रशिक्षित ECCE शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित की गई है ताकि बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके।





