उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को वाराणसी में एक अहम बैठक के दौरान वाराणसी और आज़मगढ़ मंडल के जनप्रतिनिधियों को बड़ी सौगात दी। दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे सीएम योगी ने सर्किट हाउस में दोनों मंडलों के विधायकों और एमएलसी से संवाद किया। इस दौरान पीडब्ल्यूडी के 3,165 विकास कार्यों को हरी झंडी दी गई, जिन पर कुल 22,468 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
मंडलवार बंटवारा
सीएम योगी की मौजूदगी में हुई बैठक में वाराणसी मंडल में 1,242 सड़क परियोजनाओं पर चर्चा हुई, जिन पर कुल 16,401 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें सिर्फ वाराणसी जिले में 390 कार्यों पर 10,657 करोड़ रुपये खर्च का प्रस्ताव है। वहीं जौनपुर में 439 परियोजनाओं पर 2,681 करोड़, गाजीपुर में 199 कार्यों पर 1,056 करोड़ और चंदौली में 214 कार्यों पर 2,005 करोड़ रुपये की लागत आएगी। आजमगढ़ मंडल की बात करें तो यहां 1,923 परियोजनाओं पर कुल 6,067 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
जनप्रतिनिधियों से मांगी सूची
सीएम योगी ने विधायकों और एमएलसी से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सबसे ज़रूरी विकास कार्यों की प्राथमिकता तय कर विभाग को भेजें। पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव को निर्देश दिए गए हैं कि इन प्राथमिकता वाले कार्यों पर तुरंत प्रस्ताव तैयार कर काम शुरू कराया जाए। बाकी परियोजनाएं चरणबद्ध तरीके से लागू होंगी।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन सड़कों, सेतुओं और संपर्क मार्गों की सबसे ज़्यादा ज़रूरत हो, उन्हें प्राथमिकता दी जाए। खासतौर पर औद्योगिक क्षेत्रों, ब्लॉक मुख्यालयों और धार्मिक पर्यटन स्थलों से जुड़ी परियोजनाओं पर सबसे पहले काम शुरू हो।
पर्यटन भी एजेंडे में
बैठक में नगर विकास और पर्यटन विभाग से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों के सुझावों को इन विभागों की योजनाओं में शामिल करने को कहा। उन्होंने कहा कि ब्लॉक मुख्यालयों तक सड़क संपर्क, धार्मिक स्थलों तक पहुंच मार्ग, आरओबी, फ्लाईओवर, बाईपास, पैंटून पुल, और ब्लैक स्पॉट सुधार जैसे काम स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति देंगे।
सीएम योगी ने साफ कहा कि यह सिर्फ योजनाओं की समीक्षा भर नहीं है, बल्कि दूर-दराज के इलाकों में भी जनोपयोगी विकास सुनिश्चित करना है। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि किसी भी तरह की लेटलतीफी या घटिया निर्माण पर सख्त जवाबदेही तय की जाएगी।





