मथुरा में ‘रंगोत्सव-2025’ का शुभारंभ,सीएम योगी ने खेली फूलों की होली, बोले- राधा रानी दिव्य दर्शन-पूजन से अद्भुत आनंद की अनुभूति हुई

रंगोत्सव 2025 के शुभारंभ पर उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा बरसाना तो साक्षात ब्रह्मा जी का प्रतीक है, नंदगाँव भगवान शिव शंकर हैं, गोवर्धन साक्षात भगवान विष्णु हैं, इन तीनों का संगम हमारी 'ब्रजभूमि' है...

Rangotsav 2025 Mathura: रंगों का पर्व होली बस आने को ही है, कुछ दिन बाद रंग, गुलाल, अबीर जब लोगों के गलों को छुएगा तो उत्साह और उमंग सातवे आसमान पर होगी, बिना भेदभाव, बिना ऊँच नीच , बिना जात पात देखे लोग एक दूसरों को रंगेंगे, हालाँकि अभी इसके लिए थोड़ा रुकना होगा लेकिन बरसाने में सीमे योगी आदित्यनाथ ने राधा रानी पी पूजा कर फूलों से होली खेलकर रंगोत्सव 2025 की शुरुआत कर दी।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज बरसाने में रंगोत्सव 2025 का शुभारंभ किया, उन्होंने श्री राधा रानी जी के दिव्य स्वरूप के दर्शन कर पूजन किया, उन्होंने मंदिर लाडली जी मंदिर में उपस्थित श्रद्धालुओं के साथ फूलों की होली खेली, योगी ने X पर फोटो पोस्ट करते हुए लिखा- मुझे लाडली जी के पूजन का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ,  श्रद्धालुजनों के साथ फूलों की होली खेलकर अद्भुत आनंद की अनुभूति हुई। श्री लाडली जी महाराज की कृपा सभी पर बनी रहे, यही प्रार्थना है।

योगी ने लाडली जी के दर्शन कर खेली फूलों की होली 

योगी ने कहा बरसाने की इस धरती पर देश विदेश से आये सभी श्रद्धालुओं का मैं ह्रदय से स्वागत करता हूँ,  होली की बधाई देता हूँ , यहाँ आने से पहले मैंने बरसाने में राधा रानी के महल में जाकर श्री चरणों में माथा टेका है,  5 हजार वर्षों से भारत की सनातन सस्कृति को एक नई ऊर्जा के साथ ओतप्रोत करने वाली ये ब्रजभूमि जिसके कण कण में रज रज में कृष्ण राधा के दर्शन होते हैं यहाँ आने वाला हर श्रद्धालु उससे अभिभूत होता है लोक मंगल की कामना करता है और मेरा सौभाग्य है कि मुझे यहाँ आने का अवसर मिलता है, उन्होंने कहा कि आज लड्डू मार होली है और कल लट्ठमार होली है, यही तो विशेषता और विविधता है हमरे सनातन धर्म की।

भारत की सनातन एकता के प्रतीक तीन देव स्थान उत्तर प्रदेश में 

योगी ने कहा ये उत्तर प्रदेश का सौभाग्य है कि भारत की सनातन एकता के प्रतीक तीन देव स्थान यहाँ है देवाधिदेव महादेव का पवन धाम काशी, उत्तर से दक्षिण तक पूरे भारत को एकता के सूत्र में जोड़ने वाले मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या भी यहीं है और पूर्व से पश्चिम तक एकता के सूत्र में जोड़ने वाले लीलाधारी कृष्ण कन्हैया की पावन जन्म भूमि, लीलाभूमि भी उत्तर प्रदेश में ही है।

विरासत और विकास की परंपरा बार बार दिखाई देती है  

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा अब देखे ये कितना अद्भुत संगम है, ये हमारा सौभाग्य है , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 के बाद से विरासत और विकास की जिस नई परंपरा को भारतवासियों को प्रदान किया है उसका परिणाम हमें कई बार देखने को मिला है जिसका परिणाम हमें हाल ही महाकुंभ में देखा, हमें ये काशी में अयोध्या में भी देखा है और यह आज एक बार फिर मुझे बरसाना में ब्रजभूमि में देखने को मिल रहा है।

 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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