उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को लखनऊ में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है और जन शिकायतों के समाधान में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। योगी ने आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से प्राप्त शिकायतों के संतुष्टिपरक समाधान पर जोर देते हुए कहा कि शिकायतकर्ता की संतुष्टि और उनका फीडबैक ही अधिकारियों के प्रदर्शन का असली मापदंड होगा।
बैठक में कानून-व्यवस्था, आगामी त्योहारों की तैयारियों, बाढ़ की स्थिति, डेंगू नियंत्रण और स्वास्थ्य सेवाओं जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने मंडलायुक्तों, पुलिस कमिश्नरों, जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि जन शिकायतों के निस्तारण में ढिलाई अक्षम्य होगी और इसका सीधा प्रभाव उनके प्रदर्शन मूल्यांकन पर पड़ेगा।
एंटी-रोमियो स्क्वॉड को और सक्रिय करने के निर्देश
महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए योगी ने कहा कि इस मामले में किसी भी तरह की कोताही स्वीकार नहीं होगी। उन्होंने सभी जिलों में एंटी-रोमियो स्क्वॉड को और सक्रिय करने के निर्देश दिए, ताकि बाजारों, स्कूल-कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं और छात्राओं को भयमुक्त माहौल मिले। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पुलिस का यह कर्तव्य है कि वह महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे, और इसमें किसी भी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कितनी सजग
आगामी नवरात्रि के लिए योगी ने ‘मिशन शक्ति’ के नए चरण की शुरुआत की घोषणा की और अधिकारियों को अभी से व्यापक तैयारियां करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जिलों में प्रशासन को इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए तत्पर रहने को कहा। यह बैठक न केवल कानून-व्यवस्था और जन शिकायतों के समाधान पर केंद्रित थी, बल्कि यह भी दर्शाती है कि योगी सरकार जनहित और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कितनी सजग और प्रतिबद्ध है।





