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Sun, Dec 21, 2025

सीएम का इन कर्मचारियों को तोहफा, 2 वर्ष बढ़ाई सेवानिवृत्ति की आयु , अब 60 वर्ष में होंगे रिटायर, सैलरी पर भी अपडेट

Written by:Pooja Khodani
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योगी कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के कार्मिकों की अधिवर्षता आयु 2 वर्ष बढ़ाने को मंजूरी दी गई है।वही सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आउटसोर्स सेवा निगम बनने से पूरे प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारियों को हर माह 5 तारीख को वेतन का भुगतान होगा।
सीएम का इन कर्मचारियों को तोहफा, 2 वर्ष बढ़ाई सेवानिवृत्ति की आयु , अब  60 वर्ष में होंगे रिटायर, सैलरी पर भी अपडेट

उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। गुरूवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के कार्मिकों के हित में अहम फैसला लिया गया है।योगी सरकार ने इन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 2 साल बढ़ा दी है। अब कर्मचारी 58 वर्ष की बजाय 60 वर्ष में रिटायर होंगे।

कैबिनेट बैठक के फैसले के मुताबिक, उप्र भाषा संस्थान भाषा विभाग के नियंत्रणाधीन स्वशासी संस्थान है। संस्थान के कार्मिकों की अधिवर्षता आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष किए जाने की माँग द्वारा निरन्तर की जाती रही है। भाषा विभाग के ही नियंत्रणाधीन अन्य स्वशासी संस्थानों के कार्मिकों की अधिवर्षता आयु बढ़ाकर 60 वर्ष की जा चुकी है।वित्त वेतन आयोग अनुभाग-2 के शासनादेश दिनांक 12 अगस्त 2013 द्वारा यूपी की स्वशासी संस्थाओं के कार्मिकों की अधिवर्षता आयु बढ़ाकर 60 वर्ष किए जाने के सम्बन्ध में प्रक्रिया निर्धारित कर पूर्ण कर ली गई है। अब योगी सरकार द्वारा कार्मिकों की अधिवर्षता आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष किए जाने का प्रस्ताव अनुमोदित किया गया।

आउटसोर्स कर्मियों को हर माह की 5 तारीख को मिलेगा वेतन

सीएम योगी आदित्यनाथ ने आउटसोर्सिंग कार्मिकों के श्रम अधिकारों, पारिश्रमिक और सामाजिक सुरक्षा की रक्षा के लिए उप्र आउटसोर्स सेवा निगम (यूपीसीओएस) के गठन को मंजूरी दी है।उन्होंने कहा है कि आउटसोर्स सेवा निगम बनने से पूरे प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारियों को हर माह की पांच तारीख को वेतन का भुगतान हो जाएगा। ईपीएफ और ईएसआई समय से जमा हो। ईपीएफ, ईएसआईसी तथा बैंकों से अनुमन्य सभी लाभ प्रदान किए जाएं।

सीएम ने दिए ये निर्देश

  • सीएम ने कहा कि वर्तमान में आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन विकेंद्रीकृत तरीके से होता है, जिससे समय पर वेतन न मिलना, उसमें कटौती, EPF-ESI लाभ से वंचित रहना जैसी शिकायतें मिलती हैं लेकिन अब प्रस्तावित निगम का गठन कंपनी एक्ट के तहत किए जाने के निर्देश दिए गए है।मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और एक महानिदेशक की नियुक्ति की जाए।
  • मंडल व जिला स्तर पर भी समितियों का गठन हो। एजेंसियों का चयन जेम पोर्टल के माध्यम से न्यूनतम 3 वर्षों के लिए किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि वर्तमान कार्यरत कर्मियों की सेवाएं बाधित न हों और चयन प्रक्रिया में उन्हें अनुभव के आधार पर वेटेज मिले।
  • सभी आउटसोर्सिंग कर्मियों का पारिश्रमिक प्रत्येक माह की 5 तारीख तक उनके बैंक खाते में भेजा जाए। ईपीएफ और ईएसआई समय से जमा हो। ईपीएफ, ईएसआईसी तथा बैंकों से अनुमन्य सभी लाभ भी कर्मचारियों को प्रदान किए जाएं।