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Sat, Dec 20, 2025

सावन के महीने में भगवान शिव का मिलेगा विशेष आशीर्वाद, इन मंदिरों में करें दर्शन

Written by:Sanjucta Pandit
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ऐसे में आज आपको भारत में स्थित रायबरेली के कुछ प्रसिद्ध शिव मंदिरों के दर्शन अवश्य करने चाहिए। यहां की मान्यता अद्भुत होने के साथ-साथ काफी अनोखी भी है।
सावन के महीने में भगवान शिव का मिलेगा विशेष आशीर्वाद, इन मंदिरों में करें दर्शन

आज से शिव भक्तों का पसंदीदा महीना सावन शुरू हो गया है। सभी मंदिरों में भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की जा रही है। शिवालयों को दुल्हन की तरह सजाकर तैयार कर दिया गया है। जयकारों से पूरा शहर भक्ति में हो चुका है। कावड़ यात्रा के लिए लोग निकल चुके हैं। सावन के महीने में बाबा भोलेनाथ के मंदिरों में बहुत ही अधिक भीड़ देखने को मिलती है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान महादेव की पूजा-अर्चना करने और उनका आशीर्वाद लेने से सारी समस्याओं का समाधान हो जाता है।

ऐसे में आज आपको भारत में स्थित रायबरेली के कुछ प्रसिद्ध शिव मंदिरों के दर्शन अवश्य करने चाहिए। यहां की मान्यता अद्भुत होने के साथ-साथ काफी अनोखी भी है।

भावेश्वर महादेव मंदिर

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में सावन का महीना शुरू होते ही भक्तों की संख्या में इजाफा देखने को मिलता है। दरअसल, यहां भावेश्वर महादेव मंदिर है, जो कि काफी पुराना है। मान्यताओं के अनुसार, मुगल बादशाह औरंगजेब ने इसे नष्ट करने की कोशिश की थी लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाए थे। इसके बाद उन्होंने भी यहां पर मत्था टेक दिया था। तब से ही भक्तगण अपने आराध्य देव भगवान शंकर की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।

बालेश्वर महादेव मंदिर

इसके अलावा, जिले के बाबा बालेश्वर महादेव मंदिर में भी श्रद्धालुओं का हुजूम देखने को मिलता है। इसका इतिहास लगभग 100 साल से भी अधिक पुराना माना जाता है। इस मंदिर के बारे में लोग ऐसा मानते हैं कि इसके गुंबद पर लगा त्रिशूल सूर्य की गति के सापेक्ष परिवर्तित होता रहता है। ऐसे में भक्तगण यहां आकर अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं।

जगमोहनेश्वर महादेव मंदिर

सावन के महीने में जगमोहनेश्वर महादेव मंदिर में भी श्रद्धालुओं की काफी ज्यादा भीड़ उमड़ती है। यदि आप भी किसी ऐसे मंदिर की तलाश में हैं, तो आप यहां पर जा सकते हैं। इसका निर्माण चंदापुर रियासत के राजा जगमोहन सिंह ने करवाया था। मान्यताओं के अनुसार, यहां स्थापित शिवलिंग को खोजने के लिए करीब 6 महीने तक राजा जगमोहन सिंह ने अमरकंटक में प्रवास किया था। तब उन्हें सपने में इसकी मौजूदगी की जानकारी मिली थी। इस तरह इस मंदिर का निर्माण कराया गया था।

अचलेश्वर महादेव मंदिर

आप चाहें तो इस महीने में अचलेश्वर महादेव मंदिर भी जा सकते हैं, जिसका इतिहास 250 साल पुराना बताया जाता है, जो अपने साथ कई सारे रहस्य समेटे हुए है। आज से यहां भक्तों की बहुत अधिक भीड़ देखने को मिलेगी।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)