1.5 लाख शिक्षामित्रों के लिए महत्वपूर्ण खबर, कब बढ़ेगा मानदेय ? कब होंगे परमानेंट ? पढ़े शिक्षा मंत्री का जवाब

विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने एक सवाल पर जवाब देते हुए कहा है कि मानदेय बढ़ाने या नियमित करने का हाल फ‍िलहाल में कोई विचार नहीं है।

Pooja Khodani
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  1. यूपी के डेढ़ लाख शिक्षामित्रों को बड़ा झटका
  2. ना बढ़ेगा मानदेय , ना होंगे परमानेंट
  3. 20 हजार शिक्षामित्र छोड़ चुके हैं नौकरी

UP Shikshamitra Honorarium : उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों के लिए बड़ी खबर है। मानदेय वृद्धि और नियम‍ितिकरण को लेकर योगी सरकार ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने साफ कर दिया है कि शिक्षामित्रों का न तो अभी मानदेय बढ़ेगा और न ही उन्‍हें नियमित किया जाएगा। बता दे कि वर्तमान में प्रदेश में शिक्षामित्र को 10000 मानदेय मिल रहा है।

दरअसल, यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सपा विधायक पंकज मलिक ने शिक्षा मित्रों के मानदेय और नियमित करने को लेकर सवाल उठाया था । उन्होंने पूछा था कि राज्य सरकार यूपी के शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ाने और नियमित करने को लेकर क्‍या विचार कर रही है?बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने जवाब दिया कि मानदेय बढ़ाने या नियमित करने का हाल फ‍िलहाल में कोई विचार नहीं है।

वर्तमान में क्या है शिक्षामित्रों की स्थिति

गौरतलब है कि वर्तमान में यूपी में करीब 1 लाख 48 हजार शिक्षामित्र तैनात है।करीब 20 हजार से ज्‍यादा शिक्षामित्रों ने नौकरी छोड़ दी ऐसे में प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक छात्र का अनुपात 1:30 होना चाहिए, लेकिन यह अनुपात 1:22 हो गया है।शिक्षामित्रों की संख्याबल के कारण ही शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि फिलहाल सहायक टीचर भर्ती की आवश्यकता नहीं है।

ये है पूरा मामला

  • साल 2001 में उत्‍तर प्रदेश में शिक्षामित्रों की नियुक्ति हुई थी। समाजवादी पार्टी के शासनकाल में 2013-14 में 1 लाख 78 हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्‍यापक के पद पर समायोजित किया गया था, हालांकि इस समायोजन के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर की गई, जिसके बाद सितंबर 2015 को हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों के समायोजन को रद्द करने का आदेश दे दिया।
  • इसके बाद राज्य सरकार हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई, जहां SC ने समायोजन रद्द कर दिया था।
  • सरकारी वकील ने हाईकोर्ट के 12 जनवरी 2024 के आदेश के अनुपालन में शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति बनाई गई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार कोभी 9 अगस्त 2024 को सौंप दी है।
  • वित्तीय बोझ को देखते हुए वित्त विभाग को भी रिपोर्ट भेजी गई है।इसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि जल्द सरकार मानदेय बढ़ोत्तरी का फैसला ले सकती है लेकिन सरकार के बयान ने शिक्षामित्रों को निराश कर दिया है।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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