दिवाली के मौके पर देश में सबसे ज्यादा बिजली खर्च करने वाला उत्तरप्रदेश राज्य था। पूरे यूपी में दिवाली पर 1490 लाख यूनिट बिजली की खपत हुई थी। देश में बिजली खपत में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) टॉप पर रहा है। अब उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने प्रदेशभर में नई बिजली दरें (New Electricity Rates) लागू कर दी हैं। इन दरों को नियामक आयोग ने मंज़ूरी दी है।
बिजली की नई दरें
बता दें कि नई दरों के तहत ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं के लिए अलग-अलग श्रेणियों में फिक्स्ड और ऊर्जा शुल्क निर्धारित किए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए लाइफ लाइन श्रेणी में एक किलोवाट तक के कनेक्शन और 100 यूनिट प्रतिमाह की खपत पर अब 50 रुपये प्रति किलोवाट प्रति माह फिक्स्ड चार्ज देना होगा। ऊर्जा शुल्क 6.50 रुपये प्रति यूनिट तय किया गया है, लेकिन सरकार की सब्सिडी लागू होने के बाद उपभोक्ताओं को केवल 3.50 रुपये प्रति यूनिट का ही भुगतान करना होगा। पहले 100 यूनिट तक यह दर 6.65 रुपये थी, जो सब्सिडी के बाद घटकर 3.30 रुपये प्रति यूनिट रह जाएगी।
शहरी इलाकों में भी बिजली दरें बढ़ी
ग्रामीण इलाकोंं के साथ ही शहरी इलाकों में भी बिजली की दरों में बढ़ोतरी की गई है। अब शहर के लोगों को भी महंगी बिजली की मार झेलनी पड़ेगी। शहर में बिजली चार किलोवाट तक के कनेक्शन पर 330 रुपये प्रति किलोवाट प्रति माह फिक्स्ड चार्ज और 300 यूनिट तक की खपत पर 7.50 रुपये प्रति यूनि ट दर तय की गई है। 300 यूनिट से अधिक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को 8.40 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा। वहीं, चार किलोवाट से अधिक लोड वाले उपभोक्ताओं के लिए 450 रुपये प्रति किलोवाट फिक्स्ड चार्ज और 8.75 रुपये प्रति यूनिट की दर तय की गई है।
वहीं ग्राम पंचायतों में बिना मीटर वाले सार्वजनिक प्रकाश संयोजनों पर 2100 रुपये प्रति किलोवाट प्रति माह, नगर पंचायतों में 3200 रुपये तथा नगर निगमों में 4200 रुपये प्रति किलोवाट प्रति माह शुल्क वसूला जाएगा। मीटर लगे संयोजनों के लिए ग्राम पंचायतों में 200 रुपये प्रति किलोवाट प्रति माह फिक्स्ड चार्ज और ऊर्जा शुल्क 7.50 से 8.50 रुपये प्रति यूनिट तक वसूला जाएगा।





