उत्तर प्रदेश में खाद की आपूर्ति को लेकर संकट गहराता जा रहा है। किसानों से लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि उन्हें समय पर पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल रही है। इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए मंगलवार को प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने विधान भवन स्थित कार्यालय में उर्वरक कंपनियों और सप्लाई एजेंसियों के साथ समीक्षा बैठक की।
बैठक में कृषि मंत्री ने बताया कि कई बड़ी कंपनियां तय लक्ष्य के मुकाबले बहुत कम खाद की आपूर्ति कर रही हैं। आंकड़ों के मुताबिक, कृभको ने अब तक 36 फीसदी, इफको ने 55 फीसदी, आरसीएफ ने 63 फीसदी और आईपीएल ने सिर्फ 8 फीसदी खाद की सप्लाई की है। मंत्री शाही ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द शेष आपूर्ति नहीं हुई तो संबंधित कंपनियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जल्द ही खाद की आपूर्ति के निर्देश
बैठक में कृभको को निर्देश दिए गए कि वह शाहजहांपुर संयंत्र से शीघ्र खाद की शेष आपूर्ति करे। एनएफएल ने भी आश्वासन दिया है कि वह इसी महीने 14,122 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध कराएगा। आसीएफ अगले तीन दिनों में तीन रैक यूरिया भेजेगा। वहीं इफको 21,000 मीट्रिक टन यूरिया जल्द भेजने वाली है। अब तक कुल 5.37 लाख मीट्रिक टन खाद की आपूर्ति हुई है। जो तय लक्ष्य का सिर्फ 59 प्रतिशत है।
छोड़े गए पशुओं पर अब होगी कार्रवाई
शहरी क्षेत्रों में अनावश्यक रूप से छोड़े गए मवेशियों की समस्या पर भी सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। अब हर शहर में एक गोशाला प्रबंधन समिति बनाई जाएगी, जिसमें स्थानीय सभासद, पार्षद और गणमान्य लोग शामिल होंगे। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। इसके तहत जो पशुपालक अपने मवेशी सड़कों पर छोड़ेंगे, उन पर निकाय अधिनियम के तहत चालान किया जाएगा।
गांवों में सस्ते में लगेंगे बायोगैस संयंत्र
ग्रामीण इलाकों में बॉयोगैस को बढ़ावा देने की दिशा में भी सरकार कदम उठा रही है। गोसेवा आयोग की पहल पर कम लागत में बॉयोगैस संयंत्र लगाए जाएंगे। इसके लिए स्थानीय गोशालाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। मंगलवार को गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें संयंत्र लगाने वाली कंपनी ने प्रस्तुतीकरण भी दिया।





