नोएडा के एक न्यूज चैनल की डिबेट में मौलाना साजिद रशीदी को थप्पड़ मारने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) के तीन कार्यकर्ताओं और खुद मौलाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह कार्रवाई चैनल की शिकायत पर हुई है। विवाद की वजह समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव को लेकर रशीदी की टिप्पणी बनी, जिसे पार्टी कार्यकर्ताओं ने आपत्तिजनक बताया।
क्या है मामला?
डिंपल यादव के हाल ही में एक मस्जिद में जाने को लेकर मौलाना रशीदी ने टीवी डिबेट में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद मंगलवार को जब वह नोएडा सेक्टर-126 स्थित एक न्यूज चैनल के डिबेट शो में पहुंचे, तो बहस खत्म होने के बाद सपा कार्यकर्ताओं ने स्टूडियो के अंदर ही उनके साथ हाथापाई की। थप्पड़ मारे और गालियां दीं। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसे आरोपियों में से एक ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसकी जिम्मेदारी ली।
किसके खिलाफ दर्ज हुई FIR?
सेक्टर-126 थाने के प्रभारी भूपेंद्र सिंह के मुताबिक, न्यूज चैनल की शिकायत पर मौलाना साजिद रशीदी और सपा कार्यकर्ताओं श्याम सिंह, मोहित और कुलदीप भाटी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इन पर IPC की धाराएं 115(2) (जानबूझकर चोट पहुंचाने की कोशिश), 351(2) (आपराधिक धमकी) और 352 (शांति भंग करने के लिए अपमान) लगाई गई हैं।
क्या बोले मौलाना रशीदी?
रशीदी ने अपनी सफाई में कहा,
“मेरे बयान का मकसद किसी का अपमान करना नहीं था। मैंने इस्लामी मान्यताओं के आधार पर बात रखी थी। अगर किसी को बुरा लगा, तो इसका मतलब यह नहीं कि मुझ पर हमला किया जाए।”
उन्होंने आरोप लगाया कि इस घटना के बाद उन्हें सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर धमकियां मिल रही हैं। दिल्ली पुलिस और नोएडा पुलिस से उन्होंने सुरक्षा की गुहार भी लगाई है।
क्या बोले सपा कार्यकर्ता?
सपा के कार्यकर्ता श्याम सिंह ने कहा,
“मौलाना ने हमारी सांसद डिंपल यादव का अपमान किया है, इसलिए हमने ऐसा किया। हमने सूरजपुर थाने में भी उनके खिलाफ शिकायत दी है।”
वहीं सपा युवजन सभा के प्रदेश सचिव बताने वाले कुलदीप भाटी ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि हम भारत की किसी भी महिला के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों के साथ ऐसा ही सख्त व्यवहार करेंगे। यह मामला अब कानून और राजनीति दोनों का मुद्दा बनता जा रहा है। एक तरफ रशीदी खुद को निशाना बनाए जाने की बात कह रहे हैं, तो दूसरी तरफ सपा कार्यकर्ता इसे महिला सम्मान से जोड़कर अपने कदम को जायज़ ठहरा रहे हैं। अब देखना है कि पुलिस जांच में क्या निष्कर्ष निकलता है और यह मामला किस दिशा में बढ़ता है।





