केंद्र सरकार द्वारा मोबाइल कंपनियों को ‘संचार साथी’ ऐप फोन में अनिवार्य करने के आदेश पर पूर्व सपा सांसद एस.टी. हसन का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि सरकार डिक्टेटरशिप के रास्ते पर चल रही है। हमारा डेमोक्रेटिव अधिकार है कि हमारी प्राइवेसी डिस्टर्ब ना हो। हर आदमी चाहता है उसकी प्राइवेसी लीक ना हो, उसके घर बेडरूम और आपस की बातें कहीं लीक ना हो। ये हमारा फंडामेंटल राइट है।
इंसान की प्राइवेसी का क्या होगा?- एस.टी. हसन
इससे पहले सरकार पेगसिस लेकर आई जिसमें एंड्राइड टीवी से आपके कमरे की वीडियो कहीं भी जा सकती है और जाति भी होगी क्योंकि सारे टीवी की कमांड ले लेता था। ये तो आपके एंड्राइड मोबाइल की बातें टैप करके कैच कर सकता है। इंसान की प्राइवेसी का क्या होगा? जैसे चीन में होता है वहां डेमोक्रेसी नहीं है क्या ये हिंदुस्तान मे डेमोक्रेसी बिल्कुल खत्म करना चाहते हैं?
सरकार द्वारा लोगों की सुरक्षा मे लिया गया फैसला बताने पर एस. टी. हसन ने कहा इससे क्या सुरक्षा होगी? मोबाइल जिसके भी पास है आप कहीं भी ट्रेस कर सकते हैं तो ऐप डालने की क्या जरूरत है? हम नहीं डालेंगे इसको ये हमारा राइट है।
इससे कंपनियों के मोबाइल ही कम बिकेंगे और फिर लोग एंड्राइड फोन ही क्यों लेंगे? फिर तो आदमी कीपैड वाला फोन लेकर उसी से बात करेगा या तो ये इंसान को मजबूर कर रहे है कि उसके बेडरूम से लेकर बाथरूम तक की हर चीज स्क्रीन पर हो।





