अग्निवीरों को सौगात, राज्य शासन ने पुलिस भर्ती में 20 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया, कैबिनेट की मुहर लगी

एक अनुमान के मुताबिक करीब 1 लाख अग्निवीरों का पहला बैच 2026-27 में रिटायर होगा, इनमें से लगभग 25,000 को सेना में स्थायी नौकरी मिल सकती है और बाकी प्रतिशत सरकारी नौकरियों के लिए अप्‍लाई कर सकेंगे, जहाँ उनके लिए विशेष छूट का प्रावधान है ऐसे में अग्निवीरों के लिए यूपी सरकार का यह फैसला बड़ी सौगात माना का रहा है।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आज अग्निवीरों के लिए बड़ा ऐलान किया है, आज मंगलवार को हुई बैठक में पूर्व अग्निवीरों को  पुलिस भर्ती में 20 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई, अर्थात जब अग्निवीर सेना में अपनी 4 साल की सर्विस पूरी कर वापस लौटेगा तो उसके उत्तर प्रदेश पुलिस, पीएसी में 20 प्रतिशत सीटें रिजर्व रहेंगी, उत्तर प्रदेश सरकार का ये फैसला अग्निवीरों के लिए सौगात माना जा रहा है।

यूपी सरकार ने तय किया है कि भारतीय सेना, नौसेना या वायुसेना में अग्निपथ योजना के तहत 4 साल की सेवा दे चुके अग्निवीरों को यूपी पुलिस और PAC में भर्ती के दौरान 20% आरक्षण दिया जाएगा, अर्थात इन भर्तियों में 20% सीटें अग्निवीरों के लिए रिजर्व होंगी, इसके अलावा इन अग्निवीरों को आयु सीमा में भी छूट देने का भी फैसला लिया गया है ये प्रस्ताव यह प्रस्ताव गृह विभाग ने तैयार किया था, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।

पूर्व अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में 20 फीसदी आरक्षण

सरकार के फैसले के बाद पुलिस भर्ती में पूर्व अग्निवीरों को 20 फीसदी आरक्षण मिलेगा इसके साथ ही पुलिस में आरक्षी नागरिक पुलिस, पीएसी, आरक्षी घुड़सवार और फायरमैन की सीधी भर्ती में आरक्षण दिया जाएगा। इसके लिए भी 20 फीसदी पदों को आरक्षित करते हुए आरक्षण प्रदान किया जाएगा। साथ ही, सरकार ने तय किया है कि अग्निवीर के रूप में की गई सेवा अविध को घटाते हुए अधिकतम आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट भी प्रदान की जाएगी।

जानिए क्या हैं अग्निवीर?

अग्निवीर भारत सरकार की अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना (थल सेना, नौसेना, और वायुसेना) में भर्ती किए जाने वाले सैनिक हैं। 2022 में भारी विरोध के बीच शुरू हुई  इस योजना का उद्देश्य युवाओं को सशस्त्र बलों में सेवा करने का अवसर प्रदान करना और सेना को अधिक युवा, तकनीकी रूप से कुशल, और गतिशील बनाना है।

 4 साल के लिए सेना में किया जाता है भर्ती

योजना के नियमों के मुताबिक अग्निवीर को 4 साल की सेवा के लिए भर्ती किया जाता है, जिसमें 6 महीने की ट्रेनिंग और 3.5 साल की सक्रिय सेवा शामिल होती है। अग्निवीरों में भर्ती होने के लिए इसकी पात्रता 17.5 से 23 साल तक की है।

25% अग्निवीरों की स्थायी नियुक्ति का है प्रावधान 

योजना में निर्धारित किया गया है कि 4 साल की सेवा अवधि पूरी होने के बाद 25% अग्निवीरों को उनकी योग्यता और प्रदर्शन के आधार पर नियमित सैनिक के रूप में स्थायी नियुक्ति दी जा सकती है। शेष 75 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा समाप्ति पर एकमुश्त राशि (सेवा निधि) दी जाती है, जो लगभग 11-12 लाख रुपये होती है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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