उत्तर प्रदेश के सरकारी और अर्द्ध सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर है।अब दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट और चारपहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य होगा। ऐसा ना करने पर उस दिन उन्हें अनुपस्थित माना जाएगा।मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर सभी विभाग के प्रमुखों को अवगत करा दिया गया है।
अपर मुख्य सचिव परिवहन विभाग वेंकटेश्वर लू ने भी परिवहन विभाग के अधिकारियों को आदेश का पालन करने के निर्देश दिए हैं। परिवहन विभाग ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, मंडलायुक्त, डीएम, पुलिस अधिकारियों को पत्र भेजकर कहा है कि सभी सरकारी व अर्द्ध सरकारी कर्यालयों के गेट पर सुरक्षाकर्मी हेलमेट व सीट बेल्ट की जांच करें। सीट बेल्ट व हेलमेट न लगाने वालों के प्रवेश पर रोक लगाई जाए। वाहनों से कार्यालय आने वाले अधिकारी-कर्मचारी इस दौरान मोबाइल का प्रयोग न करें। इस आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट परिवहन आयुक्त को भेजने को कहा गया है।
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प्रमुख बिन्दु
- सभी विभागाध्यक्ष एवं कार्यालयाध्यक्ष यह सुनिश्चित करें कि उनके अधीनस्थ अधिकारी एवं कर्मचारी इस निर्देश का पूर्णत: पालन करें।
- जो अधिकारी/कर्मचारी चार पहिया वाहन से कार्यालय आते हैं, वे वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग न करें एवं अन्य सभी सह यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य करें।
- प्रवेश द्वार पर सुरक्षाकर्मी हेलमेट एवं सीट बेल्ट के अनुपालन की जांच करें। बिना हेलमेट/सीट बेल्ट के प्रवेश करने पर रोक लगायी जाए।
- यातायात पुलिस तथा जिला प्रशासन इस नियम का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करायें और उल्लंघन करने वालों पर आवश्यक कार्रवाई करें।
- सभी कर्मचारी सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने को जागरूक हों और हेलमेट व सीट बेल्ट के उपयोग को अपनी दिनचर्या का अनिवार्य हिस्सा बनाएं।
- नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही पर विचार किया जाए।
इन्हें भी दिए गए आदेश का पालन करने के निर्देश
अतिरिक्त मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा कैबिनेट सेक्रेटरी, भारत सरकार को उत्तर प्रदेश में कार्यरत भारत सरकार के समस्त कार्यालयों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में उक्त निदेर्शों का कड़ाई के अनुपालन कराये जाने के लिये भी अनुरोध किया गया है। परिवहन आयुक्त बीएन सिंह उत्तर प्रदेश द्वारा रजिस्ट्रार-उच्च न्यायालय, इलाहाबाद, लखनऊ बेंच, समस्त राष्ट्रीकृत बैंक, निजी बैंक, कॉपरेटिव बैंक, ग्रामीण बैंक, इंश्योरेंस कंपनी के चेयरमैन व प्रबन्ध निदेशक से भी अपील की गई है।