वाराणसी के एमपी/एमएलए कोर्ट में मंगलवार, 19 अगस्त को कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के अमेरिका दौरे के दौरान सिख समुदाय पर दिए गए बयान को लेकर निगरानी याचिका पर सुनवाई होगी। यह याचिका पिछले वर्ष सितंबर में राहुल के बयान के खिलाफ दायर की गई थी, जिसे कोर्ट ने 21 जुलाई को स्वीकार किया था। सुनवाई के दौरान यह तय होगा कि इस मामले में अभियोग पंजीकृत किया जाएगा या नहीं। कोर्ट ने सभी पक्षकारों को सुनवाई में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
राहुल गांधी ने सितंबर 2024 में अमेरिका दौरे के दौरान सिख समुदाय के संबंध में एक बयान दिया था, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया। इस बयान को सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला माना गया। वाराणसी के तिलमापुर निवासी नागेश्वर मिश्रा ने इस बयान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी ने बताया कि यह मामला अब कोर्ट में निर्णायक चरण में पहुंच गया है।
याचिका का सफर: खारिज से स्वीकार तक
नागेश्वर मिश्रा ने शुरू में न्यायिक मजिस्ट्रेट (द्वितीय) की अदालत में वाद दायर किया था, जिसे अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी/एमएलए) की कोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया था। इसके बाद मिश्रा ने सत्र न्यायालय में निगरानी याचिका दायर की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। यह याचिका अब मंगलवार को होने वाली सुनवाई का आधार बनेगी, जिसमें कोर्ट यह तय करेगा कि मामले में आगे की कार्रवाई होगी या नहीं।
सियासी हलचल और कोर्ट का फैसला
राहुल गांधी के बयान और इस याचिका ने उत्तर प्रदेश में सियासी माहौल को गर्म कर दिया है। यह मामला न केवल कानूनी, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सिख समुदाय की भावनाओं से जुड़ा है। कोर्ट का फैसला इस मामले में नई दिशा तय कर सकता है। सभी की निगाहें मंगलवार की सुनवाई पर टिकी हैं, जहां यह स्पष्ट होगा कि क्या इस मामले में अभियोग दर्ज होगा या इसे खारिज कर दिया जाएगा।





