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Fri, Dec 19, 2025

जलालाबाद तहसील का बदला नाम, सीएम योगी के निर्देश पर हुआ फैसला; जानिए क्या है इसकी बड़ी वजह

Written by:Saurabh Singh
Published:
जलालाबाद का नाम परशुरामपुरी करने की मांग लंबे समय से उठ रही थी। केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग, आइटी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस आग्रह को दोहराया था।
जलालाबाद तहसील का बदला नाम, सीएम योगी के निर्देश पर हुआ फैसला; जानिए क्या है इसकी बड़ी वजह

उत्तर प्रदेश के जलालाबाद का नाम बदलकर परशुरामपुरी करने का प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंजूर कर लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अवर सचिव उन्नीकृष्णन ने इस संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर स्वीकृति प्रदान की है। तीन वर्ष पहले भगवान परशुराम की जन्मस्थली के रूप में जलालाबाद को पर्यटन स्थल घोषित किया गया था, और अब इसका नाम परशुरामपुरी करने का निर्णय क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को और मजबूत करेगा।

इस नाम परिवर्तन की प्रक्रिया जून 2025 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शुरू हुई थी। इसके तहत शासन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के सचिव को पत्र भेजकर जलालाबाद का नाम परशुरामपुरी करने का प्रस्ताव रखा था। जलालाबाद में पहले से ही सुंदरीकरण के कार्य चल रहे हैं, और इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में कई कदम उठाए जा चुके हैं। यह नाम परिवर्तन क्षेत्र के धार्मिक और पर्यटन महत्व को और बढ़ाएगा।

लंबे समय से थी नाम बदलने की मांग

जलालाबाद का नाम परशुरामपुरी करने की मांग लंबे समय से उठ रही थी। केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग, आइटी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस आग्रह को दोहराया था। इसके अलावा, 24 मार्च 2025 को जलालाबाद नगर पालिका की बोर्ड बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर शासन को भेजा गया था। डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने भी 16 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट में जलालाबाद का नाम परशुरामपुरी या परशुराम धाम करने का अनुरोध किया था।

शासन की पहल और गृह मंत्रालय की मंजूरी

डीएम की रिपोर्ट के आधार पर शासन के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर नाम परिवर्तन का प्रस्ताव भेजा था। गृह मंत्रालय की स्वीकृति के बाद अब जलालाबाद आधिकारिक रूप से परशुरामपुरी के नाम से जाना जाएगा। यह निर्णय न केवल क्षेत्र की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करेगा, बल्कि इसे पर्यटन के नक्शे पर और प्रमुखता दिलाएगा।