समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल ने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को पूरी तरह विफल करार दिया है। दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को गोरखपुर पहुंचे पाल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह नगर भी कानून व्यवस्था की बदहाली से अछूता नहीं है। उन्होंने गगहा में मुश्ताक की हत्या का जिक्र करते हुए इसे इसका सबूत बताया। सपा ने मुश्ताक के परिजनों को एक लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की। पाल शुक्रवार को महाराजगंज में पीडीए सम्मेलन में शामिल होंगे।
गोरखपुर के तिवारी हाता में आयोजित पत्रकार वार्ता में श्यामलाल पाल ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसके सहयोगी दलों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और विधायक पूजा पाल पर निशाना साधते हुए कहा कि इन नेताओं का कोई राजनीतिक सिद्धांत नहीं है और उनका करियर खत्म होने की कगार पर है। पाल ने दावा किया कि ज्यादातर अपराधों के शिकार पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समुदाय के लोग हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के शहर में विकास के नाम पर केवल विनाश हो रहा है।
पाल के स्वागत के दौरान विवाद
पाल के स्वागत के दौरान एक विवाद भी सामने आया, जब जिला अध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम को कार्यकर्ताओं ने फोटो खिंचवाने की होड़ में किनारे कर दिया। तिवारी हाता में आयोजित स्वागत समारोह में गौतम को अतिथियों की कतार में कुर्सी तक नहीं मिली, जिससे नाराज होकर वे अलग बैठ गए। बाद में कार्यकर्ताओं के समझाने पर वे वापस शामिल हुए। इस दौरान विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय, पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी, महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरैशी और अन्य नेता मौजूद रहे।
अपराधों की बढ़ती घटनाएं
सपा प्रदेश अध्यक्ष ने कानून व्यवस्था के मुद्दे को आगामी पंचायत चुनावों से जोड़ते हुए BJP सरकार पर जनता के बीच असंतोष का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गोरखपुर जैसे महत्वपूर्ण शहर में भी अपराधों की बढ़ती घटनाएं सरकार की नाकामी को उजागर करती हैं। पाल के इस दौरे और बयानों को सपा की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है, जो स्थानीय मुद्दों को उठाकर विपक्ष के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है।





