उत्तर प्रदेश की राजनीति में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज के महिलाओं पर दिए गए विवादित बयान को लेकर बहस तेज हो गई है। एक तरफ जहां विपक्ष सरकार की चुप्पी पर सवाल उठा रहा है, वहीं दूसरी ओर योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने इस मसले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे तूल न देने की सलाह दी है।
समाज में हर तरह के लोग होते हैं
शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि समाज में हर तरह के लोग होते हैं और जरूरी नहीं कि हर किसी के बयान का जवाब दिया जाए। उन्होंने कहा,
“कुछ लोग सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ऐसे बयान देते हैं। हर बात का जवाब देना आवश्यक नहीं होता। जो लोग समाज को तोड़ने या भ्रम फैलाने का काम करते हैं, उन्हें अनदेखा करना ही बेहतर होता है।”
कुछ भी बोला जाए
जयवीर सिंह ने आगे कहा कि भारत लोकतांत्रिक देश है और यहां हर किसी को बोलने की आज़ादी है, लेकिन यह आज़ादी सामाजिक मर्यादा के दायरे में होनी चाहिए। उन्होंने कहा,
“अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं कि आप सामाजिक समरसता को बिगाड़ने वाले बयान दें। जो लोग ऐसा करते हैं, वे अपने निजी स्वार्थ के लिए समाज में ज़हर घोलने का प्रयास करते हैं।”
मंत्री ने मीडिया से भी अपील की कि ऐसे लोगों को अनावश्यक तवज्जो न दी जाए, जो केवल विवाद पैदा करने के लिए ऐसे बयान देते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का फोकस विकास, कानून-व्यवस्था और जनकल्याण पर है, न कि ऐसे बयानों पर।
विपक्ष ने उठाए सवाल
इस पूरे मामले में विपक्ष ने सरकार के रुख पर सवाल खड़े किए हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि ऐसे बयानों पर सरकार को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और ज़रूरत पड़े तो कार्रवाई भी करनी चाहिए, ताकि समाज में सौहार्द बना रहे। उनका आरोप है कि सरकार की चुप्पी ऐसे बयानों को अप्रत्यक्ष समर्थन देती है।
फिलहाल सरकार ने साफ कर दिया है कि वह ऐसे बयानों को ज्यादा महत्व नहीं देना चाहती। जयवीर सिंह का बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि योगी सरकार की प्राथमिकता ऐसे विवाद नहीं, बल्कि विकास के मुद्दे हैं।





