उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद (Sambhal Jama Mosque) और हरिहर मंदिर (Harihar Mandir) को लेकर चल रहे विवाद के मामले में आज इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक अहम् फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। यह याचिका सिविल कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सर्वे पर रोक लगाने के लिए लगाई गई थी जिसे कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया, यानि अब सर्वे हो सकेगा। बता दें इस मामले में हाई कोर्ट ने 13 मई को फैसला सुरक्षित रखा था।
गौरतलब है कि सिविल कोर्ट संभल ने मस्जिद का एएसआई सर्वे करने का आदेश दिया था, जिसे मस्जिद कमेटी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। हिंदू पक्ष का कहना है कि ये शाही मस्जिद, हरिहर मंदिर को तोड़कर बनाई गई है और वे मंदिर में प्रवेश करना चाहते हैं। इस मामले में 5 मई को ASI के वकील ने अपना जवाब कोर्ट में पेश किया था जिसके बाद बाद कोर्ट ने मस्जिद कमेटी के वकील को जवाब देने के लिए समय दिया और अगली सुनवाई 13 मई निर्धारित की थी और सुनवाई के बाद इस दिन अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

मस्जिद के सर्वे पर रोक लगाने से इंकार कर दिया
मस्जिद कमेटी की तरफ से दाखिल की गई सिविल रिवीजन याचिका पर फैसला सुनाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया, कोर्ट ने मस्जिद के सर्वे पर रोक लगाने से इंकार कर दिया, जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने मस्जिद कमेटी के वकील, मंदिर की तरफ से वकील और ASI के वकील की बातें सुनने के बाद यह फैसला लिया।
हिन्दू पक्ष के वकील का ये है कहना
हिन्दू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने कहा हाईकोर्ट ने आज अहम् फैसला दिया है हमारा मानना है कि हरिहर मंदिर को तोड़कर संभल की शाही मस्जिद का निर्माण किया गया था, इसका प्रमाण पुराणों में है औए सर्वे के बाद ये सामने आ जायेगा, उन्होंने कहा कि यदि मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट जाता है तो हम वहां अपना पक्ष रखेंगे हम तैयार है, उन्होंने सिविल कोर्ट के सर्वे के आदेश को सही बताते हुए हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया।