ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की नोएडा यूनिट ने बैंकों के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। एसटीएफ ने इस मामले में गिरोह के 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह फर्जी दस्तावेजों के सहारे बैंकों से होम लोन और पर्सनल लोन लेकर अब तक 100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी को अंजाम दे चुका है।
एसटीएफ के मुताबिक, यह गिरोह बेहद शातिराना तरीके से काम करता था। आरोपी दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बिल्डरों के साथ मिलकर ‘प्रोफाइल फंडिंग’ के जरिए इस गोरखधंधे को अंजाम देते थे। गिरफ्तार आरोपियों से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, डेबिट कार्ड, पासबुक और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है।
कैसे काम करता था यह गिरोह?
एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि यह गिरोह सबसे पहले फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य पहचान पत्र तैयार करता था। इन्हीं जाली दस्तावेजों के आधार पर बैंकों में खाते खोले जाते और फिर होम लोन व पर्सनल लोन के लिए आवेदन किया जाता था। गिरोह के सदस्य बिल्डरों के साथ मिलकर उन संपत्तियों पर लोन कराते थे, जिनकी कीमत काफी कम होती थी, लेकिन दस्तावेजों में उन्हें महंगा दिखाया जाता था। लोन की रकम मिलते ही गिरोह के सदस्य उसे आपस में बांट लेते थे और किस्तें चुकाना बंद कर देते थे।
छापेमारी में भारी बरामदगी
एसटीएफ ने आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी कर बड़ी संख्या में सबूत जब्त किए हैं। बरामद सामान की सूची गिरोह के संगठित और बड़े पैमाने पर काम करने की ओर इशारा करती है।
बरामद सामानों में शामिल हैं:
- 126 पासबुक और चेकबुक
- 170 डेबिट कार्ड
- 45 फर्जी आधार कार्ड
- 27 फर्जी पैन कार्ड
- 15 अन्य आईडी कार्ड
- 5 निर्वाचन आयोग के पहचान पत्र
- 26 मोबाइल फोन
- 3 लैपटॉप और 3 गाड़ियां
इसके अलावा, लोन से संबंधित बड़ी संख्या में दस्तावेज और संपत्तियों की रजिस्ट्रियां भी जब्त की गई हैं।
220 बैंक खाते फ्रीज करने की तैयारी
इस बड़े नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त करने के लिए एसटीएफ ने गिरोह से जुड़े 220 बैंक खातों की पहचान की है। इन सभी खातों को फ्रीज कराने के लिए संबंधित बैंकों को पत्र लिखा जा रहा है, ताकि धोखाधड़ी से हासिल की गई रकम को निकाला न जा सके। एसटीएफ अब इस बात की भी जांच कर रही है कि इस घोटाले में कौन-कौन से बिल्डर और बैंक कर्मचारी शामिल हो सकते हैं।





