उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों के मर्जर के खिलाफ समाजवादी पार्टी का विरोध अब जमीन पर दिखने लगा है। सहारनपुर में सपा नेता फरहाद आलम गाड़ा द्वारा चलाई गई एक ‘पीडीए पाठशाला’ की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। वीडियो में फरहाद बच्चों को पारंपरिक “ए फॉर एप्पल” के साथ-साथ “ए फॉर अखिलेश यादव”, “बी फॉर बाबा साहेब”, “सी फॉर चौधरी चरण सिंह” और “डी फॉर डिंपल यादव” जैसे उदाहरणों से पढ़ाते नजर आ रहे हैं।
सियासी हंगामा
फरहाद आलम ने सहारनपुर के नया गांव स्थित अपने घर में बाकायदा फ्लैक्स लगाकर यह पाठशाला शुरू की। गांव के दर्जनों बच्चों को बुलाकर उन्होंने उन्हें राजनीतिक संदर्भों के जरिए अल्फाबेट सिखाए। वीडियो वायरल होते ही राजनीतिक गलियारों में बहस शुरू हो गई है। जहां सपा समर्थक इसे ‘राजनीतिक शिक्षा के जरिए सामाजिक चेतना’ का प्रयास बता रहे हैं, वहीं भाजपा समर्थक और कुछ सामाजिक संगठन इस पहल को बच्चों की मासूमियत के साथ खिलवाड़ मान रहे हैं।
आजकल समाजवादी फुल फॉर्म में है, सहारनपुर के सपा नेता फरहाद आलम ने अपने घर मे PDA पाठशाला लगा ली, और बच्चों A फ़ॉर Akhilesh , B फॉर भीमराव पढ़ाने लगें ! इसके पीछे इनका तर्क रहा, कि योगी सरकार चूंकि पाठशालाओं को बंद कर रही है इसलिए उन्होंने अपने घर मे पाठशाला बना ली है। कमाल ही कर… pic.twitter.com/YSGzME7OVB
— आसमोहम्मद कैफ़ । Aas mohd kaif 🇮🇳 (@journoaas) July 29, 2025
विरोधियों ने जताई आपत्ति
आलोचकों का कहना है कि
“राजनीतिक मतभेद अपनी जगह हैं, लेकिन बच्चों को विचारधारा की प्रयोगशाला बनाना गलत है। उन्हें स्कूल मर्जर के मुद्दे की बजाय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जानी चाहिए।”
फरहाद आलम ने दी सफाई
विवाद बढ़ने पर सपा नेता फरहाद आलम गाड़ा ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उनकी मंशा किसी राजनीतिक दल के प्रचार की नहीं, बल्कि संविधान और सामाजिक न्याय की समझ देने की थी।
“हमने बच्चों को यह सिखाया कि बाबा साहेब अंबेडकर कौन थे, और चौधरी चरण सिंह ने किसानों के लिए क्या किया। पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग ही इस देश का आधार हैं, उनकी शिक्षा को बचाना हमारी जिम्मेदारी है।”
उन्होंने भाजपा सरकार पर शिक्षा का निजीकरण करने का आरोप लगाया और कहा कि सपा का यह आंदोलन शिक्षा के अधिकार को बचाने के लिए है।
क्या है पीडीए पाठशाला?
सपा ने हाल ही में स्कूल मर्जर के विरोध में ‘पीडीए पाठशाला’ नाम से एक पहल शुरू की है। इसका मकसद ग्रामीण और वंचित तबके के बच्चों को वैकल्पिक शिक्षा देना और स्कूल बंदी के खिलाफ जागरूक करना बताया गया है। ‘पीडीए’ शब्द सपा के लिए पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग का प्रतीक बन चुका है।





