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Fri, Dec 19, 2025

“बिजली अफसरों ने मुझे बदनाम करने की सुपारी ले ली है”, अपने ही विभाग पर नाराज दिखे ऊर्जा मंत्री एके शर्मा

Written by:Saurabh Singh
Published:
बैठक में ऊर्जा मंत्री का गुस्सा कई बार फूटा। उन्होंने कहा कि आपका काम पुलिस से भी खराब है। नीचे से झूठी रिपोर्ट बनाकर ऊपर तक भेजी जाती है। पूरे गांव की बिजली काट देते हैं, जबकि समय से बिल देने वालों की क्या गलती?
“बिजली अफसरों ने मुझे बदनाम करने की सुपारी ले ली है”, अपने ही विभाग पर नाराज दिखे ऊर्जा मंत्री एके शर्मा

यूपी में बिजली आपूर्ति को लेकर हो रही लापरवाही पर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने सख्त रुख अपनाया है। बुधवार को शक्ति भवन में हुई समीक्षा बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। चेयरमैन से लेकर अधिशासी अभियंता स्तर तक के अफसर मौजूद थे। मंत्री शर्मा ने कहा कि “यह दुकान नहीं है, सिर्फ बिल वसूली से मतलब नहीं चलेगा। बिजली सेवा है, जनसेवा है और इसे उसी तरह देखा जाए।”

मंत्री ने अधिकारियों पर आंख-कान बंद कर काम करने का आरोप लगाया और कहा कि जनता बिजली कटौती से परेशान है, लेकिन अफसरों को इसकी खबर तक नहीं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि “मैं यहां आपकी बातें सुनने नहीं, समस्याओं का हल निकालने आया हूं।” मंत्री ने यह भी बताया कि वो हाल ही में कई जिलों का दौरा करके लौटे हैं और वहां की स्थिति बेहद खराब है।

पुलिस से भी खराब काम

बैठक में ऊर्जा मंत्री का गुस्सा कई बार फूटा। उन्होंने कहा कि आपका काम पुलिस से भी खराब है। नीचे से झूठी रिपोर्ट बनाकर ऊपर तक भेजी जाती है। पूरे गांव की बिजली काट देते हैं, जबकि समय से बिल देने वालों की क्या गलती?” उन्होंने सवाल किया कि जले हुए ट्रांसफार्मर को न बदलना या अपग्रेड न करना किस तरह का न्याय है?

एके शर्मा ने आगे कहा,

“ऐसा लगता है जैसे बिजली विभाग ने सरकार को बदनाम करने की सुपारी ले रखी है।”

उन्होंने उपभोक्ताओं की शिकायतों का समयबद्ध निपटारा करने के निर्देश दिए।

गलत बिल पर भी नाराजगी

ऊर्जा मंत्री ने गलत बिजली बिलों को लेकर भी अधिकारियों की क्लास लगाई। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एक आम आदमी को 72 करोड़ रुपये का बिल थमा दिया गया। “ये कंप्यूटर युग है, फिर भी ऐसा क्यों? और सुधारने के नाम पर पैसा लिया जाता है। विजिलेंस की टीमें गलत जगह छापा डालती हैं, असली चोरी वाले इलाकों में जाती ही नहीं। एफआईआर के नाम पर भी वसूली होती है,” उन्होंने आरोप लगाए।

हर बात लिखी जाए, मौखिक नहीं चलेगा

एके शर्मा ने स्पष्ट निर्देश दिए कि समीक्षा बैठक की हर बात लिखित में दर्ज की जाए। उन्होंने कहा कि मैं बोल-बोलकर थक गया हूं। मौखिक निर्देशों के बाद भी अफसर उल्टी दिशा में काम करते हैं। अब यह नहीं चलेगा। मंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे विधानसभा में जनता के प्रति जवाबदेह हैं। उन्होंने संविदा कर्मचारियों की बर्खास्तगी, फोन न उठाना और बिजली हादसों जैसे मुद्दों पर भी गंभीर चिंता जताई और कहा कि अफसरों के गलत फैसलों का खामियाजा पूरा प्रदेश भुगत रहा है।