समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी संगठन में व्यापक बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के सभी जिला और विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारियों को हटा दिया है। यह कदम अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर उठाया गया है। अखिलेश का लक्ष्य पार्टी संगठन को मजबूत और चुस्त-दुरुस्त करना है ताकि आगामी चुनावों में सपा बेहतर प्रदर्शन कर सके।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, कई जिला और विधानसभा प्रभारियों के कामकाज से अखिलेश यादव संतुष्ट नहीं थे। कुछ प्रभारी “अपना बूथ करो मजबूत” अभियान के दौरान नियुक्त किए गए थे, लेकिन उनके प्रदर्शन को लेकर शिकायतें सामने आईं। सूत्रों ने बताया कि अखिलेश अब ऐसे नेताओं को जिम्मेदारी देना चाहते हैं जो पार्टी के लिए पूरी ताकत से काम करें। इसके लिए जल्द ही नए प्रभारियों की सूची जारी की जाएगी, जो संगठन को नई दिशा देगी।
भाजपा सरकार पर तीखा हमला
इस बीच, अखिलेश यादव ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर भी तीखा हमला बोला। संविधान के 130वें संशोधन विधेयक 2025 को लेकर एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि तानाशाह सरकारें सत्ता में बने रहने के लिए इस तरह के कानून लाती हैं, लेकिन ऐसी कोई भी सरकार लंबे समय तक टिक नहीं पाई। उन्होंने इटली, जर्मनी और रूस का उदाहरण देते हुए कहा कि जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदते हैं, वे अंततः खुद उसमें गिर जाते हैं।
भाजपा सरकार आरक्षण को छीन रही
अखिलेश ने भाजपा पर पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समुदाय के साथ भेदभाव और उत्पीड़न का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि सरकार बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा दिए गए आरक्षण को छीन रही है और नौकरियां, रोजगार व आरक्षण भाजपा के एजेंडे में शामिल नहीं हैं। सपा प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी इन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएगी और संगठन को मजबूत कर 2027 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करेगी।





