लखनऊ: एक समय पिछड़ेपन और माफिया के लिए जाना जाने वाला पूर्वांचल अब अपनी पहचान बदल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह क्षेत्र, विशेषकर वाराणसी और आसपास के जिले, एक बड़े औद्योगिक और लॉजिस्टिक केंद्र के रूप में उभर रहे हैं। सरकार की नीतियों और बेहतर होते बुनियादी ढांचे ने निवेशकों का भरोसा जीता है, जिससे हजारों करोड़ का निवेश आकर्षित हुआ है और रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
2017 से पहले पूर्वांचल का जिक्र अक्सर विकास की दौड़ में पीछे रहने वाले इलाके के तौर पर होता था। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में योगी सरकार ने इस क्षेत्र के आर्थिक कायाकल्प पर विशेष ध्यान दिया है। इसका नतीजा यह है कि आज यहां उद्योग, पर्यटन और लॉजिस्टिक्स, तीनों क्षेत्रों में तेज गति से काम हो रहा है।
वाराणसी में औद्योगिक परियोजनाओं की बहार
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अकेले वाराणसी में लगभग 50 औद्योगिक परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें हजारों करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इन परियोजनाओं से हजारों युवाओं को सीधे रोजगार मिला है। इसके अलावा, सरकार ने करीब इतनी ही नई परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनसे 10,000 से अधिक नए रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। कुल मिलाकर, यह क्षेत्र 15,000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार का एक बड़ा आधार तैयार कर रहा है।
निवेशकों का बढ़ता भरोसा
उद्योग जगत भी इस बदलाव को सकारात्मक रूप से देख रहा है। बेहतर सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी ने पूर्वांचल को निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना दिया है। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आर.के. चौधरी ने इस बदलाव पर अपनी राय रखी।
“सरकार की नीतियों ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। सड़क, रेल और एयर कनेक्टिविटी बेहतर होने से यहां उद्योग बसाने में आसानी हुई है। 2017 के बाद से वाराणसी में करीब 80 परियोजनाओं पर तेजी से काम हुआ है।” — आर.के. चौधरी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
जमीन, बिजली और औद्योगिक मंजूरियों की प्रक्रिया को आसान बनाने से भी निवेशक पूर्वांचल की ओर आकर्षित हुए हैं। खाद्य प्रसंस्करण, टेक्सटाइल, होम प्रोडक्ट और हैंडीक्राफ्ट जैसे उद्योगों के लिए एक अनुकूल माहौल तैयार हुआ है।
लॉजिस्टिक्स और कृषि आधारित उद्योगों को बल
पूर्वांचल को एक बड़े लॉजिस्टिक हब के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। बेहतर स्टोरेज और ट्रांसपोर्ट सुविधाओं की वजह से दूध, सब्जियां, अनाज और फल जैसे स्थानीय उत्पाद अब कम लागत में देश के बड़े बाजारों तक पहुंच रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में वेयरहाउस और कोल्ड स्टोरेज की संख्या बढ़ने से किसानों और छोटे व्यवसायियों को सीधा लाभ मिल रहा है।
गोरखपुर के धुरियापार में लगभग 5,500 एकड़ में विकसित हो रही औद्योगिक टाउनशिप इस दिशा में एक बड़ा कदम है। करीब 17 गांवों में फैली यह टाउनशिप सड़क और रेल नेटवर्क से मजबूती से जुड़ी है, जिससे कृषि आधारित उद्योगों और सप्लाई चेन को बड़ा impulso मिलेगा। इससे खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को कम लागत में कच्चा माल मिल रहा है और पूर्वांचल का औद्योगिक ढांचा और मजबूत हो रहा है।





