उत्तर प्रदेश के रायबरेली में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ हुए थप्पड़ कांड ने सियासी गलियारों में भूचाल ला दिया है। घटना में शिवम यादव और रोहित द्विवेदी का नाम सामने आया है। मौर्या समर्थकों ने दोनों पर मारपीट का आरोप लगाया है।
पिता का बयान, बढ़ी चर्चा
शिवम यादव के पिता, जो होमगार्ड हैं, ने एक चैनल से कहा “मेरे बेटे ने गलती की और उसका नतीजा भुगता।” उन्होंने दावा किया कि परिवार ने कोई लिखित शिकायत नहीं दी, फिर भी उनके नाम से थाने में तहरीर दर्ज हो गई। उन्होंने इसे गलत बताते हुए सवाल किया कि यह तहरीर आखिर किसने करवाई। पिता ने मौर्या की तारीफ करते हुए कहा कि “वो बड़े नेता हैं, हम तो उनके चरणों की धूल भी नहीं हैं।” इस बयान ने सियासी हलकों में नई चर्चा छेड़ दी है कि क्या यह बयान दबाव में दिया गया या इसके पीछे कोई साजिश है।
करणी सेना का नाम और खंडन
घटना के दौरान एक वीडियो में एक युवक ने पुलिस जीप में दावा किया कि हमलावर करणी सेना से हैं। लेकिन करणी सेना ने तुरंत इसका खंडन करते हुए साफ किया कि न तो शिवम यादव और न ही रोहित द्विवेदी उनके सदस्य हैं। इससे सवाल उठ रहा है कि संगठन का नाम क्यों लिया गया।
सियासी रंजिश या साजिश?
इस थप्पड़ कांड को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। क्या यह सिर्फ आवेश में की गई हरकत थी या किसी सुनियोजित साजिश का हिस्सा? क्या युवाओं को राजनीतिक रंजिश में मोहरा बनाया गया?





