कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी मंगलवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की जिला अदालत में एक मानहानि के मामले में पेश हुए। पेशी के दौरान कोर्ट परिसर से एक सेल्फी वायरल हो गई। जिसे लेकर दावा किया गया कि राहुल गांधी के साथ मौजूद शख्स खुद कोर्ट के जज हैं। यह दावा सोशल मीडिया पर तेजी से फैला और राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गया। हालांकि जब इस वायरल तस्वीर की सच्चाई की पड़ताल की गई। सामने आया कि यह दावा पूरी तरह भ्रामक और झूठा है।
क्या है वायरल फोटो का सच?
जिस शख्स को ‘जज’ बताया जा रहा था, वह असल में लखनऊ सेंट्रल बार एसोसिएशन के वकील महमूद हसन हैं। उन्होंने खुद आगे आकर स्पष्ट किया कि, “मैं राहुल गांधी से मिलने गया था, लेकिन मैं कोई जज नहीं हूं, सिर्फ एक वकील हूं।” इसके बाद वायरल हो रही ‘जज वाली सेल्फी’ की सच्चाई सामने आ गई है।
क्यों पहुंचे थे राहुल गांधी कोर्ट?
राहुल गांधी लखनऊ कोर्ट में भारतीय सेना पर की गई कथित टिप्पणी से जुड़ी मानहानि की शिकायत पर पेश हुए थे। यह मामला 2022 की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान दिए गए एक बयान से जुड़ा है। जिसमें उन्होंने अरुणाचल प्रदेश सीमा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प का जिक्र करते हुए कहा था,
“लोग भारत जोड़ो यात्रा के बारे में पूछेंगे, लेकिन कोई नहीं पूछेगा कि चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों की पिटाई क्यों की।”
इस बयान पर सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी और सीमा सड़क संगठन के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी।
कोर्ट की कार्यवाही में क्या हुआ?
राहुल गांधी पेशी के लिए वकीलों से भरे एक कोर्टरूम में पहुंचे, जिसके बाद उन्हें मजिस्ट्रेट के चैंबर में ले जाया गया। वहां जमानत बांड और अन्य औपचारिकताएं पूरी की गईं। अदालत ने पहले ही शिकायत का संज्ञान लेते हुए राहुल को समन जारी किया था। हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद उन्हें निचली अदालत में पेश होना पड़ा। पेशी के बाद उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई।





