उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोलते हुए गठबंधन पर सवाल उठाए हैं। गोरखपुर के एनेक्सी भवन सभागार में सोमवार को उन्होंने कहा कि अगर भाजपा को लगता है कि छोटे दलों से कोई फायदा नहीं है, तो वह गठबंधन तोड़ दे। उन्होंने दावा किया कि 2022 में राजभर और पटेल समाज ने सपा को 40 से 125 सीटों तक पहुंचाया, जबकि भाजपा के साथ रहकर निषाद पार्टी ने योगी-2.0 की सरकार बनवाई। निषाद ने चेतावनी दी कि कुछ नेताओं द्वारा निषाद समाज को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है, जिसके चलते 2024 में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा।
डॉ. संजय निषाद ने गठबंधन सहयोगियों जैसे सुभासपा, अपना दल और राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) पर भरोसे का सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा को अपने सहयोगी दलों पर विश्वास रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन दलों ने समाज को सही दिशा दी है, जिसका फायदा भाजपा को मिला है। निषाद ने 2018 की सपा-बसपा गठबंधन की जीत का उदाहरण देते हुए कहा कि सहयोगी दलों ने ऐतिहासिक जीत दिलाई थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर भाजपा को लगता है कि इन दलों से फायदा नहीं हो रहा, तो वह कड़े फैसले ले और गठबंधन तोड़ दे।
निषाद समाज को गुमराह करने के कोशिश
निषाद ने भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद जय प्रकाश निषाद पर निशाना साधते हुए उन्हें “छुटभैया नेता” करार दिया और आरोप लगाया कि कुछ नेता निषाद समाज को गुमराह करने के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने राजभर और जाट नेताओं का जिक्र करते हुए कहा कि ये नेता अपने समाज का वोट दिलवाते हैं, लेकिन कुछ लोग गलत बयानबाजी कर निषाद समाज को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। निषाद ने कहा कि समाज सब देख रहा है और घमंड में रहने वाली पार्टियों व नेताओं को इसका जवाब देना होगा।
प्रकाश निषाद को “बसपा का पायरेटेड नेता”
कैबिनेट मंत्री ने जय प्रकाश निषाद को “बसपा का पायरेटेड नेता” बताते हुए तंज कसा कि अगर भाजपा उन्हें 403 सीटों पर टिकट दे दे, तो वह उनका स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि 2022 में विनोद बिंद को टिकट नहीं मिल रहा था, लेकिन निषाद पार्टी ने उन्हें और पीयूष रंजन जैसे नेताओं को मौका दिया। निषाद ने जय प्रकाश को न्योता दिया कि वे उनके साथ आएं, वह उन्हें टिकट देंगे और आरक्षण के लिए विधानसभा में साथ लड़ेंगे। उन्होंने समाज को गुमराह करने वालों को चेतावनी दी कि ऐसी हरकतें बंद करें, वरना 2027 में भी 2024 जैसी हार का सामना करना पड़ सकता है।





