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Fri, Dec 19, 2025

कानपुर में सपा का डिजिटल संग्राम: नगर अध्यक्ष बनाम विधायक, सोशल मीडिया पर मचा घमासान

Written by:Saurabh Singh
Published:
पूरा मामला रविवार को शुरू हुआ। विधायक मोहम्मद हसन रूमी ने बाबूपुरवा में कूड़ेघर की जगह बनने जा रहे सेल्फी प्वाइंट का शिलान्यास किया। मौके पर जो बैनर-होर्डिंग लगे, उनमें सिर्फ रूमी की फोटो थी
कानपुर में सपा का डिजिटल संग्राम: नगर अध्यक्ष बनाम विधायक, सोशल मीडिया पर मचा घमासान

समाजवादी पार्टी में कानपुर नगर की सियासत इन दिनों ज़मीन से ज़्यादा मोबाइल स्क्रीन पर लड़ी जा रही है। नगर अध्यक्ष फजल महमूद और कैंट विधायक मोहम्मद हसन रूमी के समर्थकों के बीच सोशल मीडिया पर खुला संघर्ष चल रहा है। बात बैनर पर फोटो से शुरू हुई और अब प्रतीकात्मक अर्थी यात्रा तक पहुंच गई है।

पूरा मामला रविवार को शुरू हुआ। विधायक मोहम्मद हसन रूमी ने बाबूपुरवा में कूड़ेघर की जगह बनने जा रहे सेल्फी प्वाइंट का शिलान्यास किया। मौके पर जो बैनर-होर्डिंग लगे, उनमें सिर्फ रूमी की फोटो थी। इसमें पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की तस्वीर नहीं थी। यही बात नगर अध्यक्ष फजल महमूद के करीबी और मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के नगर अध्यक्ष शादाब आलम को खटकी। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस पर सवाल उठाए और इसे पार्टी नेतृत्व के प्रति निष्ठा का मुद्दा बना दिया।

रूमी समर्थकों का पलटवार

शादाब के पोस्ट के बाद रूमी समर्थकों ने फजल महमूद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पुराने पोस्ट शेयर करने शुरू किए, जिनमें यह दावा किया गया कि फजल महमूद जब कांग्रेस में थे, तब उन्होंने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की प्रतीकात्मक अर्थी यात्रा निकाली थी। इसके बाद दोनों खेमों में सोशल मीडिया पर पोस्ट, कमेंट और स्टेटस के ज़रिये वार-पलटवार शुरू हो गया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष का अपमान नहीं सहूंगा

फजल महमूद ने कहा,

“मैं खुद सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रिय नहीं रहता। लेकिन कार्यकर्ता ने जो सवाल उठाया, वह बिल्कुल जायज़ है। एक सपा विधायक के बैनर में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीर क्यों नहीं थी? मैं पार्टी का सिपाही हूं, अपना अपमान सह सकता हूं लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष का नहीं।”

उन्होंने ये भी कहा कि उनके नाम से वायरल हो रहे व्हाट्सएप स्क्रीनशॉट फर्जी हैं और इस पर FIR दर्ज कराने की तैयारी है। पूरे मामले की जानकारी सपा प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी नेतृत्व को दे दी गई है।

पार्टी को कमजोर किया जा रहा

वहीं कैंट विधायक मोहम्मद हसन रूमी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा,

“यह नगर निगम का कार्यक्रम था, जिसमें विकास योजना के तहत सेल्फी प्वाइंट बनना था। यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था। बैनर पर फोटो किसकी थी, इस पर हमने ध्यान नहीं दिया। लेकिन पार्टी को कमजोर करने की साजिश अब बर्दाश्त नहीं होगी।”

रूमी ने तंज कसते हुए कहा कि जो लोग आज पार्टी वफादारी की बात कर रहे हैं, वही पहले कांग्रेस में रहकर मुलायम सिंह यादव की प्रतीकात्मक अर्थी निकाल चुके हैं। ऐसे लोगों को अब ज्ञान नहीं देना चाहिए।