उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर कार्यकर्ता पार्टी की पहचान वाला टोपी-गमछा पहनकर चलेंगे और ‘जय निषाद राज’ का नारा लगाएंगे, तो पुलिस और अपराधी दोनों डरेंगे। उन्होंने दावा किया कि इससे कार्यकर्ताओं की एफआईआर बिना फोन किए ही दर्ज होगी और पुलिस उनका सम्मान करेगी।
मंत्री ने कहा,
“अक्सर हमारे लोगों को पकड़कर बंद कर दिया जाता है। फोन करो तब छोड़ा जाता है। इसलिए मैंने कहा कि टोपी और गमछा पहनकर घूमो। इससे लगेगा कि निषाद पार्टी का आदमी है और यह पार्टी बीजेपी के साथ है। फिर पुलिस वाले भी सोचेंगे कि इससे पंगा न लें।”
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा,
“जो नीला गमछा लगाते हैं, उनको देखकर मारने वालों को लगता है कि मायावती पोस्ट कर देंगी और उन पर कार्रवाई हो जाएगी। सपा वाले भी लाल टोपी लगाते हैं, जिससे पहचान हो जाती है। हमें भी यही करना होगा।”
बिना टोपी के जाओगे तो पुलिस डंडा मारेगी
मंत्री ने तंज कसते हुए कहा,
“यदि टोपी नहीं लगाएंगे तो लगेगा कि पऊआ पीने वाले हैं। कार्यकर्ता मुझसे कहते हैं कि थाने से डंडा मारकर भगा दिया। मैंने कहा, ऐसे जाओगे तो यही होगा न। मैं कितने फोन अटेंड कर सकता हूं? पार्टी सिंबल पहनकर जाओ, तभी बात सुनी जाएगी।”
सपा पर भी किया हमला
संजय निषाद ने सपा की एक कथित मस्जिद बैठक को लेकर मुस्लिम समाज पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा,
“मुस्लिम धर्म में महिलाओं को मस्जिद में घुसने नहीं दिया जाता। वहां पुरुष गलती करते हैं और सजा महिलाओं को दी जाती है। मुस्लिम समाज में महिलाओं का सम्मान नहीं है। जालीदार टोपी पहनने वाले हमेशा महिलाओं के खिलाफ बोलते हैं।”
मस्जिद में मीटिंग हो रही है
उन्होंने समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि मस्जिद में मीटिंग हो रही है और अखिलेश कुछ नहीं बोल रहे क्योंकि मुस्लिम वोट नाराज़ हो जाएगा। सपा को इस पर स्टैंड लेना चाहिए।





