उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की सिकंदरपुर सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी अपने विवादित बयान पर बैकफुट पर आ गए हैं। कांवड़ यात्रा को लेकर दिए गए बयान की चौतरफा आलोचना के बाद उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है। विधायक ने कहा कि उनका इरादा किसी की भावनाएं आहत करने का नहीं था, बल्कि योगी सरकार की नीतियों के विरोध में बोलते समय “जुबान फिसल गई।”
क्या कहा था रिजवी ने?
26 जुलाई को बलिया में एक सपा कार्यक्रम के दौरान विधायक रिजवी ने कहा था,
“कांवड़ यात्रा पर गांव के अनपढ़ और अंधविश्वास में फंसे लोग जाते हैं। किसी बड़े नेता, आईएएस अधिकारी या उद्योगपति का बेटा कांवड़ लेकर नहीं निकलता।”
इस बयान के बाद हिंदू संगठनों और बीजेपी नेताओं ने तीखा विरोध जताया। सिकंदरपुर में प्रदर्शन हुआ और सपा विधायक का पुतला जलाया गया।
माफी मांगते हुए क्या बोले?
रविवार रात सिकंदरपुर स्थित अपने कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में सपा विधायक ने कहा,
“मैं पूजा-पाठ में विश्वास रखने वाला व्यक्ति हूं। मेरे घर में धार्मिक रीति-रिवाज पूरे नियम से निभाए जाते हैं। योगी सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों की आलोचना करते वक्त भावनाओं में बह गया। बयान के लिए खेद है।”
उन्होंने आगे कहा,
“मेरी मंशा किसी को ठेस पहुंचाने की नहीं थी। अगर मेरे शब्दों से किसी की भावना आहत हुई है, तो मैं पूरे समाज से क्षमा मांगता हूं।”
बीजेपी पर प्रदर्शन भड़काने का आरोप
रिजवी ने दावा किया कि सिकंदरपुर में हुआ प्रदर्शन भाजपा के एक पूर्व विधायक के इशारे पर आयोजित किया गया था और वह पूरी तरह फ्लॉप रहा। वहीं, सिकंदरपुर थाना प्रभारी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।





