श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व आज पूरे देश में श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। भक्त लड्डू गोपाल के विशेष श्रृंगार में जुटे हैं, मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया गया है और हर तरफ कान्हा के जयकारों की गूंज है। परंपरा के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर लोगों में विशेष उत्साह है। मंदिरों से लेकर घरों तक में पूजन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष श्रीकृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त, शनिवार को पड़ रहा है। इस दिन श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा सहित देशभर के मंदिरों में विशेष आयोजन होंगे और मध्यरात्रि को भगवान के जन्म का उल्लास बड़े ही श्रद्धाभाव से मनाया जाएगा।
45 मिनट का है पूजा का शुभ मुहूर्त
जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा रात्रिकाल में की जाती है। इस बार पूजा का शुभ मुहूर्त रात 12:04 से 12:47 तक रहेगा। इन 45 मिनटों में भक्त श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाएंगे और विशेष विधि से पूजा-अर्चना करेंगे। मंदिरों में रात्रि जागरण, कीर्तन और भजन संध्या के आयोजन भी किए जा रहे हैं।
कैसे करें लड्डू गोपाल का श्रृंगार
पूजा में लड्डू गोपाल के श्रृंगार का विशेष महत्व है। उन्हें पीले वस्त्र पहनाएं, गोपी चंदन और चंदन से शरीर अलंकृत करें और ताजे सुगंधित फूलों से श्रृंगार करें। भगवान को पंचामृत—दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से स्नान कराएं। भोग में माखन-मिश्री अवश्य अर्पित करें। सच्चे मन से की गई पूजा से श्रीकृष्ण अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।





