समाजवादी पार्टी की लोकसभा सांसद इकरा हसन के खिलाफ सोशल मीडिया पर की गई अशोभनीय टिप्पणी को लेकर बवाल मच गया है। करणी सेना के कथित नेता ठाकुर योगेंद्र सिंह राणा ने फेसबुक पर इकरा हसन को लेकर विवादित बयान दिया, जिसके बाद समाजवादी पार्टी ने कड़ा ऐतराज जताया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। अब इस मामले में योगेंद्र राणा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
क्या कहा था?
योगेंद्र राणा ने अपने फेसबुक वीडियो में इकरा हसन को लेकर बेहद आपत्तिजनक बातें कहीं थीं। उसने कहा, “इकरा हसन मुझसे निकाह कबूल कर लें और मेरे घर आकर नमाज पढ़ें।” इसके साथ ही उसने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से खुद को “जीजा” मानने की मांग की। यह वीडियो वायरल होते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई।
FIR दर्ज, आरोपी फरार
सपा अधिवक्ता सभा की महानगर अध्यक्ष सुनीता सिंह की तहरीर पर मुरादाबाद के कटघर थाने में ठाकुर योगेंद्र सिंह राणा के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। पुलिस ने आरोपी पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 79 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना), धारा 356(2) (आपराधिक मानहानि) और आईटी एक्ट की धारा 67 (आपत्तिजनक सामग्री सोशल मीडिया पर डालना) के तहत केस दर्ज किया है।
एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आते ही FIR दर्ज कर ली गई है। पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है। फिलहाल उसका फोन स्विच ऑफ है और वह फरार बताया जा रहा है।
सख्त कार्रवाई की मांग
वीडियो वायरल होने के बाद समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने एसपी सिटी कार्यालय का घेराव किया। सपा के मुरादाबाद जिला अध्यक्ष जयवीर सिंह यादव के नेतृत्व में प्रदर्शन करते हुए कार्यकर्ताओं ने आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी और सोशल मीडिया अकाउंट ब्लॉक करने की मांग की। सुनीता सिंह ने कहा कि यह सिर्फ इकरा हसन नहीं, पूरे महिला समाज और लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान है।
सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेने की मांग
मुरादाबाद की सांसद रुचि वीरा ने इस बयान को महिलाओं का अपमान बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से स्वयं संज्ञान लेने की मांग की है। वहीं सपा नेता और पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा, “यह एक महिला सांसद ही नहीं, पूरे लोकतंत्र का अपमान है। अगर सरकार महिलाओं के सम्मान की बात करती है, तो इस तरह के मामलों में चुप क्यों है?” पुलिस मामले की जांच में जुटी है। आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है। समाजवादी पार्टी ने साफ किया है कि यह मामला महिला गरिमा, राजनीतिक शुचिता और सामाजिक सौहार्द से जुड़ा है और इस पर कोई समझौता नहीं होगा।





