प्रयागराज में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। लाखों लोग प्रभावित हैं, हजारों राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। ऐसे ही एक राहत शिविर में बुधवार को बड़ा बवाल हो गया। मामला राजापुर के ऋषिकुल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बने राहत शिविर का है। यहां सपा नेता संदीप यादव बाढ़ पीड़ितों को खाना-पीना बांटने पहुंचे थे। लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद हंगामा हो गया। पुलिस पहुंची, अफसर आए और मामला गरमा गया।
क्या बोले सपा नेता?
सपा नेता संदीप यादव का कहना है कि वे बाढ़ पीड़ितों के लिए खाने-पीने का सामान लेकर पहुंचे थे, मगर एडीएम और एसडीएम ने शिविर में घुसने नहीं दिया। इस पर पहले तीखी बहस हुई, फिर नेता जी धरने पर बैठ गए। उनके साथ मौजूद कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मौके पर पुलिस की कई टीमें पहुंचीं। कहा-सुनी और धक्का-मुक्की भी हुई। बवाल लंबे वक्त तक चलता रहा।
प्रशासन की सफाई क्या है?
इस पूरे मामले में उप जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा कि राहत शिविर सरकार की तरफ से संचालित किया जा रहा है। ऐसे में किसी भी बाहरी सामग्री का पहले परीक्षण ज़रूरी होता है, ताकि खाने की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।उन्होंने बताया कि सपा नेता को यही समझाया गया कि वे राहत सामग्री का टेस्ट करा लें, या चाहें तो शिविर के बाहर पीड़ितों को बांट सकते हैं। लेकिन सपा नेता इस पर भड़क गए।
एसडीएम ने ये भी कहा कि जो पैकेट बांटे जा रहे थे, उन पर समाजवादी पार्टी का स्टीकर भी चिपका था। इसलिए सियासी मंशा को लेकर ऐतराज जताया गया।
सपा ने क्या आरोप लगाया?
प्रशासन कह रहा है कि नियमों के तहत काम हो रहा है। सपा नेता कह रहे हैं कि बाढ़ पीड़ितों की मदद रोककर सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। दोनों पक्षों की अपनी-अपनी दलील है। लेकिन जिस जनता के नाम पर लड़ाई हो रही है, वो अभी भी बाढ़ से घिरकर राहत शिविरों में बैठी है। उनके लिए न राजनीति काम आ रही है, न तंत्र की चालाकी।





