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Wed, Dec 17, 2025

लोकसभा में गूंजा यूपी में सरकारी स्कूलों का मर्जर मामला, सपा सांसदों ने जताया विरोध, कहा- गरीबों के बच्चों की पढ़ाई छीन रही सरकार

Written by:Saurabh Singh
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धर्मेंद्र यादव ने कहा कि चूंकि केंद्र सरकार शिक्षा बजट में साझेदार है, इसलिए वह इस फैसले से पल्ला नहीं झाड़ सकती। उन्होंने मांग की कि केंद्र को हस्तक्षेप कर यह फैसला रद्द करवाना चाहिए।
लोकसभा में गूंजा यूपी में सरकारी स्कूलों का मर्जर मामला, सपा सांसदों ने जताया विरोध, कहा- गरीबों के बच्चों की पढ़ाई छीन रही सरकार

उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों के मर्जर और बंदी का मुद्दा बुधवार को लोकसभा में जमकर उठा। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसदों ने इसे गरीब, पिछड़े और दलित वर्ग के बच्चों के खिलाफ साजिश बताते हुए केंद्र सरकार से दखल देने की मांग की। सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने शून्यकाल के दौरान इस मसले को जोरदार ढंग से उठाया। उन्होंने दावा किया कि राज्य में एक लाख से अधिक सरकारी स्कूल बंद किए जा रहे हैं और हजारों स्कूलों का विलय किया जा रहा है। धर्मेंद्र यादव ने कहा,

“एक तरफ गरीबों के बच्चों के स्कूल बंद किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में 27 हजार शराब की दुकानें खोल दी गई हैं। क्या यह सरकार की प्राथमिकता है?”

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर गरीब, पिछड़े, आदिवासी और दलित बच्चों को शिक्षा से वंचित किया गया। तो सपा ‘पीडीए पाठशाला’ चलाएगी और ज़रूरत पड़ी तो आंदोलन भी किया जाएगा।

केंद्र सरकार से की हस्तक्षेप की मांग

धर्मेंद्र यादव ने कहा कि चूंकि केंद्र सरकार शिक्षा बजट में साझेदार है, इसलिए वह इस फैसले से पल्ला नहीं झाड़ सकती। उन्होंने मांग की कि केंद्र को हस्तक्षेप कर यह फैसला रद्द करवाना चाहिए।

लड़कियों की पढ़ाई पर संकट

सपा सांसद प्रिया सरोज ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पहले ही महिलाओं की साक्षरता दर कम है और अब स्कूल बंद करने से लड़कियों की पढ़ाई और मुश्किल हो जाएगी। उन्होंने दावा किया कि करीब 28 लाख बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है और इस फैसले से ढाई लाख शिक्षकों व कर्मचारियों की नौकरी खतरे में है।

सांसद लालजी वर्मा ने कहा कि स्कूल बंद होने से रसोइयों, शिक्षामित्रों और अन्य कर्मचारियों की नौकरी चली जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे न केवल शिक्षा, बल्कि हजारों परिवारों की रोजी-रोटी छिन जाएगी।

जनाक्रोश की स्थिति

सांसद राम शिरोमणि वर्मा ने कहा कि विद्यालयों के अंधाधुंध बंद होने से राज्य में करीब साढ़े तीन लाख बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। उन्होंने इसे एक जनाक्रोश पैदा करने वाला फैसला बताया। सांसद नरेशचंद्र पटेल और नीरज मौर्य ने आशंका जताई कि स्कूलों के मर्जर से ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल दूर हो जाएंगे, जिससे विशेषकर बालिकाओं को पढ़ाई जारी रखना कठिन हो जाएगा। सपा सांसदों ने एक स्वर में कहा कि अगर यह फैसला वापस नहीं लिया गया तो पार्टी सड़कों पर उतरकर इसका विरोध करेगी।