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Fri, Dec 19, 2025

फर्जी डिग्री मामले में डिप्टी सीएम केशव मौर्य को सुप्रीम कोर्ट से राहत, याचिका खारिज

Written by:Saurabh Singh
Published:
यह याचिका दिवाकर नाथ त्रिपाठी नाम के व्यक्ति ने दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि केशव मौर्य ने चुनाव लड़ने और पेट्रोल पंप खरीदने के लिए प्रयागराज स्थित हिंदी साहित्य सम्मेलन से प्राप्त एक अमान्य डिग्री का इस्तेमाल किया।
फर्जी डिग्री मामले में डिप्टी सीएम केशव मौर्य को सुप्रीम कोर्ट से राहत, याचिका खारिज

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को फर्जी डिग्री के मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस सुधांशु धुलिया और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के पहले दिए गए फैसले को बरकरार रखते हुए याचिका खारिज की।

मामला क्या है?

यह याचिका दिवाकर नाथ त्रिपाठी नाम के व्यक्ति ने दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि केशव मौर्य ने चुनाव लड़ने और पेट्रोल पंप खरीदने के लिए प्रयागराज स्थित हिंदी साहित्य सम्मेलन से प्राप्त एक अमान्य डिग्री का इस्तेमाल किया। याचिकाकर्ता ने मौर्य पर गलत जानकारी के आधार पर चुनावी नामांकन करने का आरोप भी लगाया था।

पहले हाईकोर्ट ने कर दिया था खारिज

इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इस याचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने 23 मई को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। इस याचिका को पहले जिला न्यायालय में दाखिल किया गया था, लेकिन समय सीमा का उल्लंघन होने के चलते खारिज कर दिया गया। बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाईकोर्ट ने इस देरी को माफ करते हुए याचिका स्वीकार की थी।

सुप्रीम कोर्ट क्या बोला?

राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता ने झूठा हलफनामा दाखिल किया और लगाए गए आरोप संज्ञेय अपराध की श्रेणी में नहीं आते। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया। इस फैसले के बाद केशव प्रसाद मौर्य को राजनीतिक और कानूनी रूप से बड़ा सुकून मिला है और यह उनके लिए एक अहम राहत मानी जा रही है।