सावन मास में कांवड़ियों को लेकर दिए गए विवादित बयान पर राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ हिंदू संगठनों का गुस्सा फूट पड़ा। गुरुवार दोपहर को विश्व हिंदू रक्षा परिषद और अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं ने लखनऊ के गोमतीनगर स्थित मौर्य के आवास का घेराव किया। इस दौरान जमकर नारेबाजी और हंगामा हुआ।
पुलिस अलर्ट, पीएसी तैनात
हंगामे की आशंका को देखते हुए बुधवार रात से ही पुलिस बल और पीएसी को स्वामी प्रसदा मौर्य के आवास के पास तैनात कर दिया गया था। इसके बावजूद विश्व हिंदू रक्षा परिषद के संगठन मंत्री बाबी गुप्ता और अन्य कार्यकर्ता वहां पहुंचे और गंगाजल से घर के शुद्धिकरण की बात कही। जब एसीपी गोमतीनगर बृजनारायण सिंह और पुलिस बल ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो धक्का-मुक्की शुरू हो गई।
क्या कहा था स्वामी प्रसाद ने?
स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बयान में कहा था,
“भगवान शिव इतने भोले हैं कि उन्हें भोलेबाबा कहा जाता है और ये कांवड़िये उनके नाम पर तोड़फोड़ और उपद्रव कर रहे हैं। ये कांवड़िये नहीं बल्कि सत्ता संरक्षित गुंडे हैं। सरकार को इनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।”
गिरफ्तारी की मांग
स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान के खिलाफ हिंदू संगठन आगबबूला हो गए। प्रदर्शनकारियों ने उनकी गिरफ्तारी और मुकदमा दर्ज करने की मांग की। साथ ही कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि उनके बयान से सनातन धर्म मानने वालों की भावनाएं आहत हुई हैं।
पुलिस ने हटाया प्रदर्शनकारी
हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन बात नहीं बनी तो लोगों को बस में बैठाकर मौके से हटाया गया। पुलिस प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।





