प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वाराणसी में मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ द्विपक्षीय शिखर वार्ता के बाद संयुक्त प्रेस मीट में घोषणा की कि भारत और मॉरीशस अब लोकल करेंसी में व्यापार को बढ़ावा देंगे। यह पहला अवसर है जब काशी में किसी विदेशी राष्ट्र प्रमुख के साथ द्विपक्षीय वार्ता हुई। पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित समझौते शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाएँगे। भारत ने मॉरीशस के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की भी घोषणा की, जिसमें चालू वित्त वर्ष में 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर की बजटीय सहायता शामिल है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और मॉरीशस न केवल साझीदार, बल्कि एक परिवार हैं, जिनके सपने और नियति एक हैं। मॉरीशस भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति और ‘विजन महासागर’ का महत्वपूर्ण स्तंभ है। दोनों देशों ने इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य, और विज्ञान-तकनीक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए कई एमओयू पर हस्ताक्षर किए। मॉरीशस में नया साइंस एंड टेक्नोलॉजी डायरेक्टोरेट, आयुष सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, और 500 बेड का सर शिवसागर रामगुलाम राष्ट्रीय अस्पताल स्थापित होगा। इसके अलावा, भारत एसएसआर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के एटीसी टावर और रिंग रोड के विस्तार जैसी परियोजनाओं में भी सहयोग देगा।
ऊर्जा और समुद्री सुरक्षा में सहयोग
भारत मॉरीशस के एनर्जी ट्रांजिशन में सहयोग कर रहा है, जिसमें तमारिंड फाल्स में 17.5 मेगावॉट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट और 100 इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं। मॉरीशस के कोस्ट गार्ड शिप की री-फीटिंग और 120 अधिकारियों की ट्रेनिंग भारत में की जा रही है। पीएम मोदी ने चागोस समझौते को मॉरीशस की संप्रभुता की ऐतिहासिक जीत बताते हुए कहा कि भारत हिंद महासागर में सुरक्षा प्रदाता और पहले उत्तरदाता के रूप में खड़ा है। हाइड्रोग्राफी के क्षेत्र में अगले पाँच वर्षों तक संयुक्त सर्वे और डेटा साझा करने पर सहमति बनी है।
सांस्कृतिक और प्रशासनिक सहयोग
पीएम मोदी ने काशी की सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत और मॉरीशस की साझा संस्कृति सदियों से एक-दूसरे को समृद्ध करती रही है। मॉरीशस के 5,000 से अधिक नागरिकों ने भारत में प्रशिक्षण लिया है, और मिशन कर्मयोगी के तहत सिविल सेवकों की ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है। मॉरीशस के राष्ट्रपिता सर शिवसागर रामगुलाम की 125वीं जयंती का उल्लेख करते हुए पीएम ने कहा कि यह दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने की प्रेरणा देती है। ये पहल मॉरीशस के विकास में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं, जो एक साझा और समृद्ध भविष्य की दिशा में निवेश है।





