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Sun, Dec 21, 2025

यूपी विधानसभा में पहली बार लगी AI की क्लास, विधायकों ने पूछे चुनाव जीतने से लेकर भविष्य जानने तक के सवाल

Written by:Saurabh Singh
Published:
सुरेश खन्ना ने कहा कि ज्यादातर सदस्यों की बात से लगा कि वे केवल इसके जरिए राजनीति में एआई की लाभ लेने की मंशा रखते हैं। बात यह है कि एआई केवल जानकारी लेने की प्रक्रिया तेज करता है।
यूपी विधानसभा में पहली बार लगी AI की क्लास, विधायकों ने पूछे चुनाव जीतने से लेकर भविष्य जानने तक के सवाल

यूपी विधानसभा में पहली बार आर्टीफिश्यल इंटेलीजेंस को विधायकों की पाठशाला लगी। इसमें कई विधायकों ने एआई को लेकर तमाम आशंकाएं जताई तो कइयों ने इसके जरिए चुनाव जीतने से लेकर सियासी भविष्य तक जानने की मंशा जाहिर की। इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने साफ किया कि एआई कोई ज्योतिष नहीं जो नेताओं का भविष्य बताए या यह बताए कि कब तक विधायक बनेंगे।

राजनीति में एआई का लाभ

सुरेश खन्ना ने कहा कि ज्यादातर सदस्यों की बात से लगा कि वे केवल इसके जरिए राजनीति में एआई की लाभ लेने की मंशा रखते हैं। बात यह है कि एआई केवल जानकारी लेने की प्रक्रिया तेज करता है। जैसे अगर गूगल को साइकिल मान लें तो एआई मोटरसाइकिल है यानी जानने की प्रक्रिया और तेज हो गई। हमें एआई की नकारात्मकता पर नहीं सकारात्मकता को देखना होगा।

इससे पहले कानपुर आईआईटी के प्रोफेसर हर्षित मिश्र ने एआई के बाबत प्रारंभिक जानकारी देते हुए कहा कि डाटा को लगातार एकत्र व अपडेट करने पर काम करना पड़ेगा। एआई के जरिए कार चोरी से लेकर ट्रैफिक लाइट मैंनेजमेंट, सड़कों को बेहतर करने, नदियों को साफ करने का काम तेजी से व प्रभावी तरीके से हो सकता है। क्योंकि यह डेटा विशलेषण तेजी से करेगा।

डाटा को बेहतर करना जरूरी

इंजीनियर सचिन ने पूछा कि क्या एआई पर काम करने से पहले डाटा को बेहतर करना जरूरी है। शशांक त्रिवेदी ने डाटा की सुरक्षा व गोपनीयता का मुद्दा उठाया। प्रतीक भूषण ने कहा कि एआई एजेकूशन को अनिवार्य रूप से स्कूली पाठ्यक्रम में लागू किया जाए। अनिल सिंह ने कहा कि एआई के जरिए क्या वोट मिल सकते हैं। हमें नासा इंजीनियर तो बनना नहीं है वोट ही लेना है।
डॉ. रागिनी ने कहा कि चैट जीपीटी यूपी के संदर्भ में डाटा नहीं बतला पाता है। अभय सिंह ने कहा यह इधर से लेकर डाटा उधर व उधर का डाटा लेकर इधर देता है। किस पार्टी की हवा चल रही है? क्या यह एआई बता पाएगा। हमने पूछा कि थर्ड वार में भारत की क्या स्थिति होगी तो बताया कि हम अमेरिका के साथ होंगे। हमने पूछा हमारा राजयोग कब तक आएगा, तो जवाब आया कि आपका नक्षत्र नहीं देखा।

हंसी का फैव्वारा फूट पड़ा

इस पर सदन में हंसी का फैव्वारा फूट पड़ा। आगे उन्होंने कि एआई कब तक सही जानकारी दे पाएगा कि यह काम कीजिए तो ज्यादा वोट मिलेगा। हर्ष वाजपेयी ने सुझाव दिया कि ट्रैफिक लाइट में एआई का इस तरह उपयोग हो ताकि जब भीड़ कम हो स्वतः ग्रीन हो जाए। कमाल अख्तर ने पूछा कि कई बार सोशल मीडिया के जरिए जनप्रतिनिधियों को बदनाम किया जाता है तो एआई कैसे बचा सकता है। मंत्री असीम अरुण ने कहा कि यह अच्छी बात है कि हमारी विधानसभा तकनीक से कदम कदम मिला कर चल रही है। सतर्क रहने की बात यह कि एआई तकनीक को लेकर अपराधी हावी न होने पाएं। हालांकि यह संसद का विषय है फिर भी हमें सोचना चाहिए।