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Fri, Dec 12, 2025

Yogi Government Action: कोडीन कफ सिरप सिंडिकेट पर देश का सबसे बड़ा एक्शन, 60 दिन में 332 फर्मों पर छापे, 133 के खिलाफ FIR

Written by:Banshika Sharma
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यूपी में नशीली दवाओं के अवैध कारोबार के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है। एफएसडीए ने 60 दिनों के भीतर 52 जिलों में छापेमारी कर 133 फर्मों पर एफआईआर दर्ज की है। पहली बार इस मामले में एनडीपीएस और बीएनएस एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश में नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ योगी सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) ने कोडीन युक्त कफ सिरप और नशीली दवाओं के अवैध डायवर्जन पर शिकंजा कसा है। इसे देश का अब तक का सबसे बड़ा ‘क्रैकडाउन’ माना जा रहा है।

बीते 60 दिनों के भीतर राज्य भर में चले सघन अभियान के दौरान 52 जिलों में 332 दवा फर्मों पर छापेमारी की गई है। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर 31 जिलों की 133 फर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

झारखंड से हिमाचल तक जुड़े तार, कई राज्यों में हुई जांच

इस बड़ी कार्रवाई से पहले विभाग ने पुख्ता सबूत जुटाने के लिए एक व्यापक आंतरिक जांच की थी। जांच की आंच उत्तर प्रदेश से बाहर झारखंड, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश तक पहुंची। इन राज्यों में जांच के दौरान यूपी के सुपर स्टॉकिस्टों और थोक विक्रेताओं के साथ अवैध कारोबारी संबंधों के सबूत मिले। इसी आधार पर पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की योजना तैयार की गई।

लाइसेंस रद्दीकरण नहीं, अब सीधा क्रिमिनल एक्शन

पहले नशीली दवाओं के अवैध कारोबार में लिप्त पाए जाने पर केवल लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई होती थी, जिसे अन्य राज्य महज औपचारिकता की तरह लेते थे। लेकिन यूपी में पहली बार मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों के बाद आपराधिक कार्रवाई शुरू की गई है। अवैध डायवर्जन में शामिल लोगों के खिलाफ नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (NDPS) और भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जो एक ऐतिहासिक कदम है।

नेपाल और बांग्लादेश तक हो रही थी तस्करी

जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि यूपी के रास्ते नशीली दवाओं की तस्करी पड़ोसी देशों तक हो रही थी। लखनऊ, कानपुर, लखीमपुर खीरी और बहराइच के रास्ते कोडीन सिरप नेपाल भेजा जा रहा था। वहीं, वाराणसी और गाजियाबाद के जरिए इसे बांग्लादेश सप्लाई किया जा रहा था।

छापेमारी के दौरान पता चला कि कई दवा प्रतिष्ठान केवल कागजों पर चल रहे थे। ये सिर्फ बिलिंग सेंटर के रूप में काम कर रहे थे और उनके पास न तो गोदाम थे और न ही खरीद-बिक्री का कोई सही रिकॉर्ड। 332 में से 133 प्रतिष्ठान दवाओं को गैर-चिकित्सीय और अवैध उपयोग के लिए डायवर्ट करते पाए गए।

अधिकारियों का बयान

“मुख्यमंत्री ने युवाओं को नशे की लत में धकेलने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे। इसी क्रम में राज्यव्यापी अभियान चलाया गया। सीएम योगी ने निर्देश दिया था कि कार्रवाई केवल लाइसेंस रद्दीकरण तक सीमित न रहे, बल्कि इतनी कठोर हो कि नजीर बने। पहली बार एनडीपीएस और बीएनएस एक्ट के तहत केस दर्ज किए गए हैं और जिलाधिकारियों को गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की संस्तुति भेजी गई है।” — डॉ. रोशन जैकब, सचिव एवं आयुक्त, एफएसडीए

इन जिलों में सामने आए मामले

कोडीन कफ सिरप की तस्करी और दुरुपयोग के मामले प्रदेश के कई प्रमुख जिलों में रिपोर्ट किए गए हैं। इनमें वाराणसी, कानपुर नगर, लखनऊ, प्रयागराज, गाजीपुर, लखीमपुर खीरी, बहराइच, बिजनौर, सीतापुर, सोनभद्र, रायबरेली, हरदोई, उन्नाव, बस्ती, आजमगढ़, सहारनपुर, बरेली, सुल्तानपुर और मिर्जापुर जैसे जिले शामिल हैं।

छोटे दुकानदारों को राहत, बड़े मगरमच्छों पर वार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि इस कार्रवाई में छोटे खुदरा विक्रेताओं (रिटेलर्स) का उत्पीड़न न हो। जांच का पूरा फोकस उन सुपर-स्टॉकिस्टों और थोक विक्रेताओं पर रखा गया जो इस अवैध व्यापार की मुख्य कड़ी हैं। एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF), जिसका गठन 2022 में किया गया था, भी इस मुहिम में सक्रिय भूमिका निभा रही है।