उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण के दो बड़े मामलों ने राज्य ही नहीं, पूरे देश को हिला कर रख दिया है। एक मामला गाज़ीपुर से जुड़े छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन का है, जिस पर हजारों हिंदू लड़कियों का जबरन धर्मांतरण कराने का आरोप है। दूसरा मामला आगरा का है, जहां ISIS से प्रेरित कन्वर्जन मॉड्यूल के ज़रिए दो सगी बहनों को बहला-फुसलाकर कोलकाता ले जाकर धर्मांतरण कराने की साजिश का खुलासा हुआ है। इन घटनाओं पर सरोजनीनगर से बीजेपी विधायक और पूर्व आईपीएस अधिकारी डॉ. राजेश्वर सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण अब व्यक्तिगत आस्था का विषय नहीं रह गया, बल्कि यह भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक संरचना और बेटियों की अस्मिता पर सीधा हमला है।
5000 धर्मांतरण का आरोप
राजेश्वर सिंह ने आरोप लगाया कि छांगुर बाबा ने अब तक करीब 5000 हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण करवाया है। लड़कियों की जाति के आधार पर ‘कीमत’ तय थी और उसने एक समानांतर अवैध साम्राज्य खड़ा कर लिया था। वहीं आगरा की घटना को उन्होंने लव जिहाद और कट्टरपंथी संगठनों की साजिश बताया। बीजेपी विधायक ने बताया कि यूपी पुलिस के ‘मिशन अस्मिता’ के तहत दोनों बहनों को कोलकाता से सकुशल रेस्क्यू किया गया और इस रैकेट से जुड़े 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
राजेश्वर सिंह की केंद्र सरकार से मांग
विधायक राजेश्वर सिंह ने केंद्र सरकार से एक कठोर और व्यापक धर्मांतरण विरोधी कानून की मांग की है। इसके लिए उन्होंने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को पत्र भी लिखा है।उन्होंने कहा,
“लव जिहाद कोई फिल्मी कहानी नहीं, यह समाज की भयावह सच्चाई है। ऐसे गिरोह हमारी बेटियों को टारगेट कर कट्टरपंथ की ओर धकेल रहे हैं।”
राजेश्वर सिंह ने कहा कि जबरन या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराना न केवल असंवैधानिक है, बल्कि देश की सामाजिक स्थिरता और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
सख्त प्रावधानों की मांग
अपने पत्र में विधायक ने कुछ अहम मांगें की हैं। धर्मांतरण से पहले और बाद में ज़िला मजिस्ट्रेट के समक्ष शपथ पत्र अनिवार्य किया जाए। न्यायिक जांच की व्यवस्था हो। राष्ट्रीय धर्मांतरण विरोधी प्राधिकरण का गठन किया जाए। आतंकी लिंक वाले मामलों की जांच NIA करे। दोषियों को आजन्म कारावास और एजेंटों को 7 से 10 साल की सजा दी जाए। पीड़ितों को पुनर्वास और सुरक्षा मिले
राजेश्वर सिंह ने विपक्षी दलों की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि तथाकथित सेक्युलर पार्टियां वोट बैंक की राजनीति के चलते ऐसे मामलों पर आंख मूंदे बैठी हैं। उन्होंने कहा,
“यह समय है जब पूरे देश को इस खतरे के खिलाफ एकजुट होना चाहिए। राजनीति नहीं, राष्ट्र सर्वोपरि होना चाहिए।”
राज्य सरकार की कार्रवाई की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि सीएम योगी के नेतृत्व में धर्मांतरण गिरोहों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है, लेकिन जब तक पूरे देश में सख्त कानून नहीं बनेगा, यह लड़ाई अधूरी रहेगी।





