उत्तर प्रदेश में कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध कारोबार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाया है। ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए आईजी (IG) स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। इस टीम में फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FSDA) के अधिकारी भी शामिल होंगे।
लखनऊ के लोक भवन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री ने नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी दवाएं निर्धारित मानकों पर खरी उतरनी चाहिए और मानकों का उल्लंघन करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
28 जिलों में 128 एफआईआर दर्ज
पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्ण ने बताया कि ‘नशा मुक्त भारत, नशा मुक्त उत्तर प्रदेश’ अभियान के तहत पिछले दो महीनों में व्यापक कार्रवाई की गई है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, जिला पुलिस और यूपी एसटीF (STF) के संयुक्त अभियान में प्रदेश के 28 जिलों में कुल 128 औषधि प्रतिष्ठानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
जांच में यह बात सामने आई है कि लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और गाजियाबाद जैसे जिलों में बिना प्रिस्क्रिप्शन और बिना लाइसेंस के कोडीन युक्त कफ सिरप की धड़ल्ले से बिक्री हो रही थी। कुछ प्रतिष्ठानों ने अवैध रूप से 1 से 3 लाख बोतलें तक बेची हैं, जिनका इस्तेमाल युवाओं द्वारा नशे के तौर पर किया जा रहा था।
हिमाचल से नेपाल तक फैला नेटवर्क
जांच एजेंसियों को इस अवैध कारोबार के तार हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और झारखंड से जुड़े मिले हैं। केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (मध्य प्रदेश) से मिले इनपुट्स के आधार पर हिमाचल प्रदेश की दो और उत्तराखंड की तीन निर्माण इकाइयों की जांच की गई। इसके अलावा हरियाणा स्थित एक डिपो और रांची (झारखंड) स्थित एक मल्टीनेशनल कंपनी के सुपर स्टॉकिस्ट की भी गहन पड़ताल की गई है। अधिकारियों के मुताबिक, इस नेटवर्क का कनेक्शन बांग्लादेश और नेपाल तक फैला हुआ है।
वाराणसी और आसपास सबसे ज्यादा सक्रियता
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की सचिव रोशन जैकब ने बताया कि अभियान के दौरान कुल 279 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया। जांच में पाया गया कि वाराणसी, गाजियाबाद और वाराणसी के आसपास के क्षेत्रों में अवैध सिरप की बिक्री सबसे अधिक थी। संयुक्त कार्रवाई में वाराणसी में सर्वाधिक 38 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा अलीगढ़ में 16, कानपुर में 8, गाजियाबाद में 6 और लखनऊ में 4 मामले दर्ज हुए हैं।
लाखों की संख्या में बोतलें जब्त
पुलिस कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में अवैध कफ सिरप बरामद किया गया है। आंकड़ों पर नजर डालें तो:
- 18 अक्टूबर को सोनभद्र पुलिस ने दो ट्रकों से 1,19,675 बोतलें बरामद कीं।
- 1 नवंबर को रांची में 13,400 बोतलें पकड़ी गईं।
- 4 नवंबर को सोनभद्र और गाजियाबाद पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 1,57,350 बोतलें जब्त की गईं।
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर भी नजर
प्रमुख सचिव (गृह) ने स्पष्ट किया कि राज्य में कोडीन युक्त कफ सिरप से किसी की मृत्यु नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया या किसी अन्य माध्यम से भ्रामक खबरें फैलाने वालों के खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। इस संबंध में वाराणसी में एक एफआईआर भी दर्ज की गई है।
गठित SIT करेगी वित्तीय जांच
पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए गठित की गई राज्य स्तरीय एसआईटी न केवल चल रही डिस्कशन की समीक्षा करेगी, बल्कि आरोपियों के वित्तीय लेन-देन की भी विस्तृत जांच करेगी। यह टीम कड़ियों को जोड़कर नेटवर्क के सरगनाओं तक पहुंचने का काम करेगी।
“सरकार नागरिकों की सुरक्षा के प्रति बेहद गंभीर है। मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश हैं कि मानकों के विपरीत दवाओं की बिक्री पर कड़ी कार्रवाई हो।” — संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव (गृह)
इस पूरे मामले में यूपी एसटीएफ और विभिन्न जोन की पुलिस ने अब तक कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें धर्मेंद्र कुमार विश्वकर्मा, पवन गुप्ता, शैलेंद्र आर्य और अन्य शामिल हैं।





