लखनऊ: उत्तर प्रदेश होमगार्ड्स के 63वें स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जवानों के लिए कई बड़ी घोषणाएं कीं। लखनऊ में आयोजित भव्य रैतिक परेड की सलामी लेने के बाद उन्होंने कहा कि राज्य में 45 हजार होमगार्ड जवानों की भर्ती प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। साथ ही, उन्होंने जवानों को आयुष्मान भारत योजना की तर्ज पर कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा देने का भी निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने होमगार्ड जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार का प्रयास है कि हर जवान को उसके ही गृह जनपद में तैनाती मिले। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न अधिकारियों और कर्मचारियों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पदक भी प्रदान किए।
भर्ती, स्वास्थ्य और सम्मान
सीएम योगी ने जवानों के कल्याण को प्राथमिकता देते हुए कहा कि अब हर पुलिस थाने में होमगार्ड जवानों के लिए एक अलग कमरा आरक्षित रहेगा। उन्होंने होमगार्ड विभाग को निर्देश दिया कि वह जवानों और उनके परिवारों के लिए कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा का एक ठोस प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजे।
“सेवा ही सम्मान है, अनुशासन ही पहचान है और राष्ट्रहित हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। होमगार्ड सिर्फ एक बल नहीं, बल्कि समाज का विश्वास और प्रदेश सरकार की शक्ति हैं।” — योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
मुख्यमंत्री ने जवानों के अनुशासन और परेड की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह किसी भी संगठन के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
हर मोर्चे पर अहम भूमिका
मुख्यमंत्री ने होमगार्ड्स के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि यह संगठन 1963 से प्रदेश की सुरक्षा में एक मजबूत स्तंभ की तरह काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि होमगार्ड जवान सिर्फ पुलिस के सहयोगी के तौर पर ही नहीं, बल्कि यातायात नियंत्रण, डायल 112, जेल सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, चुनाव और महाकुंभ जैसे आयोजनों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सीएम योगी ने बताया कि महाकुंभ के दौरान 14 हजार से अधिक जवानों की तैनाती सफलतापूर्वक की गई थी। इसके अलावा, आपदा प्रबंधन विभाग के साथ मिलकर 4 हजार से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित भी किया गया है।
डिजिटल पहल और कल्याणकारी कदम
विभाग को आधुनिक बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए सीएम ने ‘होमगार्ड मित्र ऐप’ का उल्लेख किया। इस ऐप के माध्यम से जवानों की उपस्थिति, भत्ते और भुगतान की प्रक्रिया पारदर्शी और आसान हो गई है।
सरकार द्वारा उठाए गए अन्य कल्याणकारी कदमों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि दैनिक और प्रशिक्षण भत्तों में वृद्धि की गई है। साथ ही अंतर-जनपदीय भत्ते को चार गुना बढ़ाया गया है। कोविड काल में जवानों के बलिदान को याद करते हुए उन्होंने कहा कि 2871 जवानों के परिवारों को 143 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता राशि दी जा चुकी है। इसके अतिरिक्त, दुर्घटना में दिवंगत जवानों के आश्रितों को 35 से 40 लाख रुपये तक का बीमा कवर भी प्रदान किया जा रहा है।





