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Wed, Dec 17, 2025

यूपी माफिया मुक्त नहीं, अब बना महामाफियाओं का गढ़; अखिलेश यादव का तीखा हमला

Written by:Saurabh Singh
Published:
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कानपुर में वकील अखिलेश दुबे और उनकी सहयोगी लवी मिश्रा की 6 अगस्त को हुई गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि में आई है।
यूपी माफिया मुक्त नहीं, अब बना महामाफियाओं का गढ़; अखिलेश यादव का तीखा हमला

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कानपुर में एक वकील की जबरन वसूली गिरोह चलाने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि भाजपा सरकार भ्रष्टाचार का त्रिकोण चला रही है, जिसमें फर्जी एनकाउंटर करने वाली सरकार, काली कमाई करने वाले अधिकारी और उनकी करतूतों को छिपाने वाले भ्रष्ट वकील शामिल हैं। अखिलेश ने इस मामले को भ्रष्टाचार और माफिया गतिविधियों से जोड़ते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।

अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा कि हजारों करोड़ की अवैध कमाई करने वाले भ्रष्टाचारी को न तो ड्रोन देख पाया और न ही दूरबीन, और मामला तब सामने आया जब आपसी रंगदारी का धंधा उजागर हुआ। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इस भू-माफिया के अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलेगा, या कोई बड़ा रंगदार इस मामले को रफा-दफा कर देगा। सपा प्रमुख ने ‘माफिया मुक्त’ उत्तर प्रदेश के दावों को खारिज करते हुए कहा कि माफिया खत्म नहीं हुआ, बल्कि एक ‘महामाफिया’ में समा गया है।

कानपुर में वकील की गिरफ्तारी से उपजा विवाद

यह टिप्पणी कानपुर में वकील अखिलेश दुबे और उनकी सहयोगी लवी मिश्रा की 6 अगस्त को हुई गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि में आई है। पुलिस के अनुसार, ‘ऑपरेशन महाकाल’ के तहत दोनों को जबरन वसूली और भू-माफिया गतिविधियों के लिए गिरफ्तार किया गया। दुबे पर आरोप है कि उन्होंने भाजपा नेता रवि सतीजा सहित कई लोगों को दुष्कर्म के फर्जी मामलों में फंसाकर ब्लैकमेल किया और कानूनी प्रक्रियाओं का दुरुपयोग कर निजी लाभ कमाया।

सियासी जंग तेज, विपक्ष की रणनीति

अखिलेश यादव के इस बयान ने उत्तर प्रदेश में सियासी माहौल को और गर्म कर दिया है। उनकी टिप्पणी को विपक्ष की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमें भाजपा सरकार को भ्रष्टाचार और माफिया के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की जा रही है। दूसरी ओर, भाजपा सरकार और पुलिस ने इस कार्रवाई को माफिया के खिलाफ सख्त कदम के रूप में पेश किया है। इस मामले ने यूपी की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है, और आगामी दिनों में इसके और तूल पकड़ने की संभावना है।