उत्तर प्रदेश में बारिश ने कई जिलों में तबाही मचा रखी है। बाढ़ से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। कई गांवों में पानी भर गया है, सड़कों पर आवागमन ठप है और लोग मदद की उम्मीद में सरकारी तंत्र की ओर देख रहे हैं। इसी बीच योगी सरकार के मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद का एक बेतुका और संवेदनहीन बयान सामने आया है, जिसने विवाद खड़ा कर दिया है।
टीम-11 में कानपुर देहात के प्रभारी बनाए गए संजय निषाद मंगलवार को बाढ़ प्रभावित इलाके के दौरे पर पहुंचे थे। इसी दौरान उन्होंने बाढ़ पीड़ितों से कहा,
“गंगा मैया, गंगा पुत्रों के पांव धुलने आती हैं। गंगा के पुत्र सीधे स्वर्ग जाते हैं। विरोधी लोग आपको उल्टा-सीधा पढ़ाते हैं। सौभाग्य है सबका कि गंगा जी आ जाती हैं। गेहूं की फसल अच्छी होती है, भले ही तीन महीने परेशानी होती हो।”
संजय निषाद ने कहा है कि गंगा मैया, गंगा पुत्रों का पांव धुलने आती हैं और गंगा पुत्र सीधे स्वर्ग जाते हैं। उनके बयान पर कांग्रेस ने कहा है कि मंत्री लखनऊ में रहते हैं। गंगा तो क्या नाली भी उनके दरवाजे पर नहीं बहती। तो क्या मंत्री जी सीधा..वहां जाएंगे? #sanjaynishad #flood #Lucknow pic.twitter.com/PiJGc8ekFm
— Pawan Kumar Sharma (@pawanks1997) August 5, 2025
इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। लोग मंत्री के बयान को जनता की पीड़ा के साथ क्रूर मजाक बता रहे हैं।
अब जनता मूर्ख नहीं
मंत्री संजय निषाद के बयान को लेकर विपक्षी दलों ने योगी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। यूपी कांग्रेस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर वीडियो साझा करते हुए लिखा,
“गंगा मैया गंगा पुत्रों के पैर धोने आती हैं, आदमी सीधे स्वर्ग जाता है… ये बयान है योगी सरकार के मंत्री संजय निषाद का। मंत्री खुद लखनऊ के पॉश इलाके में रहते हैं, गंगा तो क्या नाली भी उनके दरवाजे पर नहीं बहती।”
कांग्रेस ने आगे तंज कसते हुए कहा कि क्या इसका मतलब यह निकाला जाए कि मंत्री जी सीधे स्वर्ग जाएंगे? जनता को मूर्ख समझने वाले भाजपाई और उनके सहयोगी ये भूल जाते हैं कि अब जनता उनकी धूर्तता को अच्छी तरह पहचान चुकी है।
क्या है टीम-11?
उत्तर प्रदेश सरकार ने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए मंत्रियों की टीम-11 बनाई है, जिसे राज्य के अलग-अलग हिस्सों की ज़िम्मेदारी दी गई है। डॉ. संजय निषाद को कानपुर देहात जिले का प्रभार सौंपा गया है। यह टीम ज़मीनी हालात का निरीक्षण कर राहत कार्यों की निगरानी कर रही है।
राहत चाहिए या ‘स्वर्ग’ का टिकट?
बाढ़ की मार झेल रही जनता का कहना है कि उन्हें राहत सामग्री, सुरक्षित ठिकाने और साफ पानी की ज़रूरत है, न कि ‘स्वर्ग’ भेजने की सलाह। सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने लिखा कि जब नेताओं को ज़रा सी खांसी होती है तो वे एयर एंबुलेंस से दिल्ली पहुंच जाते हैं, लेकिन जनता को कहा जा रहा है कि गंगा मैया पैर धोने आई हैं।





